Modi Government 100 Days Agenda: 4 जून को देश में नई सरकार बनी और एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. इस बार एनडीए की सरकार बनी. भारतीय जनता के साथ दूसरे दलों की हिस्सेदारी के साथ केंद्र में एनडीए की सरकार बनी. इसके बाद सरकार ने अलग-अलग मंत्रियों को मंत्रालय बांटे. पोर्टफोलियो में ज्यादा बदलाव तो नहीं किया और नितिन गडकरी को एक बार फिर सड़क परिवहन मंत्रालय दिया गया है. अब मंत्रालय ने 100 दिनों का एजेंडा जारी कर दिया है. नई सरकार के तहत अगल 100 दिन कैसे भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर बदला जाएगा और कितना काम होगा, इस पर 100 दिन का एजेंडा पेश किया है. 

नेशनल हाईवे के नेटवर्क का विस्तार

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100 दिन के एजेंडे में सरकार नेशनल हाईवे के एक्सपेंशन पर फोकस कर रही है. 100 दिन के एजेंडे में नेशनल हाईवे के नेटवर्क के विस्तार पर फोकस किया जाएगा. विज़न 2047 के तहत 50 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का टारगेट तय किया गया है. 

सड़कों के रखरखाव पर होगा फोकस

इसके अलावा 3500 किलोमीटर के हाई स्पीड एक्सेस कंट्रोल हाईवे पहले 100 दिनों में जारी करने की तैयारी है. इसमें 650km पर काम जारी है. इसके अलावा सड़कों के खराब डिजाइन, ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने की तैयारी है. सड़कों के डिज़ाइन पर आईआईटी के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. 

पैदल यात्रियों के लिए बनेंगे फुट ओवर ब्रिज़

सड़क पर दुपहिया वाहनों के लिए डेडीकेटेड लेन बनाई जाएंगी. पैदल चलने वालों के लिए फुट ओवर ब्रिज तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा ज्यादा एक्सीडेंट वाले रास्तों की स्टडी कर सुधार की योजना बनाई गई है. मर्ज होते ट्रैफिक पर विशेष योजना भी बनाने की तैयारी है. 

इसके अलावा सड़क परिवहन मंत्रालय ने SAFE पर चर्चा शुरू कर दी है. इसके तहत तीन स्तरीय फॉर्मूला से रोड सेफ्टी बढ़ाई जाएगी. इसमें Mandatory, Target Linked और State Road Safety पर फोकस होगा और 14 हजार करोड़ रुपए का संभावित खर्च है, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 9600 करोड़ रुपए की है. 

टोल सिस्टम में सुधार

100 दिन के एजेंडे में टोल टैक्स पर भी चर्चा की गई है. जीपीएस आधारित टोल सिस्टम को शुरू करने का रोडमैप तय करने के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया गया है. इसके अलावा इन्श्योरेंस को लेकर मंत्रालय गंभीर है. एक्सीडेंट में जान बचाने के लिए कैशलैस इलाज की शुरुआत को अमली जामा पहनाना प्राथमिकता है. 

इसके तहत सरकार हर एक्सीडेंट पीड़ित को मुफ्त और कैशलैस इलाज मुहैया कराएगी. राज्यों, ट्रांसपोर्ट और अन्य एजेंसियां एक पेज पर आएंगी और नए पैकेज के साथ बिना इंश्योरेंस गाड़ियों को सड़क से हटाने को लेकर AI का इस्तेमाल किया जाएगा. गाड़ियों को सुरक्षित करने ले लिए कई तरह के बदलाव पर विचार, चरणबद्ध तरीके से सुधार लागू किए जाएंगे.