Mercedes-Benz रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया (MBRDI) ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के साथ हाथ मिलाया है. मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया ने एक बयान में कहा कि दोनों साझेदारों ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर ध्यान देने के साथ सहयोगात्मक नवाचार (collaborative innovation ) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो साल के सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. 

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Mercedes-Benz की IISc से साझेदारी

MBRDI के प्रबंध निदेशक और CEO मनु साले ने कहा कि उद्योग और शिक्षा जगत के बीच अंतर को पाटने में मदद करने वाले सहयोग साइंटिफिक रिसर्च कम्यूनिटी को मॉडर्न इनोवेशन की पेशकश करने में सक्षम बना सकते हैं जो उद्योग और ग्राहकों की बढ़ती मांगों को पूरा करता है. उन्होंने कहा, हम भारतीय विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं से उत्साहित हैं और सर्वश्रेष्ठ भारतीय इंजीनियरिंग रिसर्च को ग्लोबल स्टेज पर लाने के लिए तत्पर हैं.

EV के क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन 

ये साझेदारी इंजीनियरिंग ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ाने और लॉन्ग टर्म रिसर्च-ऑरिएंटेड प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. कंपनी ने कहा कि दोनों संगठन बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक कार्यक्रमों सहित एक-दूसरे की मौजूदा क्षमताओं का लाभ उठाएंगे. भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के निदेशक गोविंदन रंगराजन ने कहा कि टिकाऊ गतिशीलता और EV के क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन के लिए MBRDI के साथ सहयोग न केवल ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है बल्कि आर्थिक अवसर भी पैदा करता है.

उद्योग-अकादमिक जुड़ाव को मिलेगी मजबूती

रंगराजन ने कहा कि यह साझेदारी उद्योग-अकादमिक जुड़ाव को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है जो आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है. साझेदारी के हिस्से के रूप में, फाउंडेशन फॉर साइंस इनोवेशन एंड डेवलपमेंट (FSID) उद्योग के साथ IISc की बातचीत का प्रबंधन करेगा और IISc के ज्ञान आधार और संसाधनों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा.

ज्वाइंट फंडिंग के अवसरों की तलाश

बयान में कहा गया है कि दो साल के समझौते के दायरे में सूचना, शिक्षण सामग्री, टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक प्रकाशनों का आदान-प्रदान, कागजात प्रकाशित करने, बौद्धिक संपदा (intellectual property) उत्पन्न करने और संरक्षित करने और रिसर्च को स्पॉन्सर करने के लिए ज्वाइंट फंडिंग के अवसरों की तलाश करना भी शामिल है.