₹10 लाख से सस्ती कार की घट गई मांग; ये रही बड़ी वजह, लोगों को पसंद आ रही इस सेगमेंट की गाड़ियां
सेल्स 35589 करोड़ रुपए पर फ्लैट रहा. ऑपरेशनल EBIT 8.1% की गिरावट के साथ 3665.7 करोड़ रुपए रही. इसके अलावा कंपनी के मैनेजमेंट ने कॉनकॉल के दौरान कुछ बड़ी बातें बोलीं.
देश की दिग्गज ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने हाल ही में अपने तिमाही नतीजे पेश किए थे. कंपनी ने दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स पेश किए. हालांकि कंपनी ने कमजोर नतीजे पेश किए हैं. मारुति सुजुकी ने सितंबर तिमाही का रिजल्ट जारी किया है. नेट प्रॉफिट करीब 18% की गिरावट के साथ 3069 करोड़ रुपए रहा. सेल्स वॉल्यूम 1.9% की गिरावट के साथ 541550 यूनिट रही. सेल्स 35589 करोड़ रुपए पर फ्लैट रहा. ऑपरेशनल EBIT 8.1% की गिरावट के साथ 3665.7 करोड़ रुपए रही. इसके अलावा कंपनी के मैनेजमेंट ने कॉनकॉल के दौरान कुछ बड़ी बातें बोलीं. कंपनी ने आगे का प्लान बताया और अपनी कार की सेल्स परफॉर्मेंस पर भी प्रकाश डाला.
इन कार की मांग हुई कम
कॉनकॉल में मैनेजमेंट की ओर से बताया गया है कि कंपनी की 10 लाख रुपए से सस्ती कार की डिमांड कम रही है. ग्राहकों में अफोर्डेबिलिटी ना होने की वजह से इस तरह की कार की बिक्री घटी है. इसके अलावा आगे कहा गया कि इंडस्ट्री में गाड़ियों की मांग घटने से असर पड़ा है.
Maruti के कमजोर नतीजे, सुस्त कमेंट्री - Maruti Suzuki: कॉनकॉल की खास बातें
— Zee Business (@ZeeBusiness) October 30, 2024
▪️ 10 लाख से सस्ती कारों की मांग में कमी
▪️ त्योहारी सीजन में रिटेल बिक्री 14% बढ़ने का अनुमान
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इसके अलावा कॉनकॉल में ये भी बताया गया कि Q4FY25 में पहला ईवी मॉडल eVX को लॉन्च किया जाएगा. मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर सी भार्गव ने मंगलवार को कहा कि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री घटना चिंता का विषय है. एक समय कुल बिक्री में इन कारों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत होती थी, लेकिन अब यह लगातार घट रही है. उन्होंने कहा कि इसका कारण लोगों के पास खर्च योग्य आय का कम होना है.
कुल खुदरा बिक्री में बढ़ोतरी
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भार्गव ने कहा कि कुल मिलाकर इस खंड में बिक्री में कमी के कारण कार बाजार में समग्र वृद्धि नहीं हो रही है. बाजार में इस स्तर में वृद्धि को वापस लेने के लिए लोगों के पास अधिक खर्च योग्य आय की आवश्यकता है. हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारों के दौरान कुल खुदरा बिक्री में 14 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
₹10 लाख वाली कार का मार्केट शेयर घटा
सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स) के आंकड़ों के अनुसार बाजार में 10 लाख रुपये कम कीमत वाले कारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 80 प्रतिशत थी. उस दौरान यात्री वाहनों की थोक बिक्री भारत में 33,77,436 इकाई थी. दस लाख रुपये से कम के यात्री वाहनों की हिस्सेदारी अब बाजार में 50 प्रतिशत से भी कम है. वित्त वर्ष 2023-24 में, देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 42,18,746 इकाइयों की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गयी थी.
छोटी और कॉम्पैक्ट कार की डिमांड
मारुति सुजुकी इंडिया परंपरागत रूप से छोटी और कॉम्पैक्ट कार बाजार में अगुवा रही है. लेकिन अब 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहन खंड में बिक्री नहीं बढ़ रही है. यह पूछे जाने पर कि 10 लाख रुपये से कम दाम के वाहनों की बिक्री में गिरावट का कारण क्या है और लोग उस श्रेणी में कार क्यों नहीं खरीद रहे हैं, उन्होंने कहा, इसका कारण ‘किफायत’ का मामला है. खर्च योग्य आय कम होने के कारण लोग खरीद नहीं पा रहे हैं.
01:59 PM IST