आने वाले समय में मारुति सुजुकी और इसकी मूल कंपनी सुजुकी मोटर की ऐप आधारित टैक्सी सड़कों पर दौड़ती दिख सकती है. दोनों ही कंपनियां मिलकर भारत में ओला-उबर की तर्ज पर कैब एग्रीगेटर और वाणिज्यिक वाहनों के लिए लॉजिस्टिक्स सेवा शुरू करने की तैयारी में हैं. भारत में इस क्षेत्र में लगाकार बढ़ रहे बाजार को देखते हुए कंपनियों ने यह फैसला लिया है. इस मामले से जुड़े दो लोगों ने नाम न सामने लाने की शर्त पर यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि यात्री कार की बिक्री में हाल में आई कमी की भरपाई के लिए दोनों मिलकर ये तैयारी कर रही हैं.

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भारत में स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना

दोनों कंपनियों ने भारत में स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना बनाई है, ताकि कैब एग्रीगेटर्स और वाणिज्यिक वाहनों के लिए लॉजिस्टिक्स प्लेयर्स दोनों के साथ साझा गतिशीलता उद्योग के लिए सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन डेवलप किया जा सके. मारुति सुजुकी ने एक तथाकथित गतिशीलता प्रौद्योगिकी विभाग भी बनाया है जो कैब एग्रीगेटर्स की जरूरतों के साथ पार्टनरशिप किए गए वाहन मॉडल विकसित करने की दिशा में भी काम करता है. विभाग का नेतृत्व आर. श्रीहरि करेंगे, जो पहले मारुति में नेशनल कंज्यूमर रिलेशन मैनेजर थे.

(रॉयटर्स)

लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, सुज़ुकी ने बेंगलुरु में एक नया कार्यालय खोला है, जहाँ उसने अपने कुछ कर्मचारियों को अमेरिका में सिलिकॉन वैली से स्थानांतरित कर बुलाया है. पहले शख्स के हवाले से कहा गया है कि इन अधिकारियों को भी मोबिलिटी स्पेस में विभिन्न स्टार्टअप के साथ काम करना होगा.

इस वजह से बढ़ रहा ये कारोबार

वैश्विक स्तर पर ऑटो निर्माता अपनी रणनीतियों का विस्तार कर रहे हैं क्योंकि तेजी से बढ़ते साझा गतिशीलता (शेयर्ड मोबिलिटी) बाजार से आने वाले वर्षों में निजी वाहनों की बिक्री पर असर पड़ने की उम्मीद है. बिक्री विशेष रूप से उन शहरों में घटने की संभावना है जहां सड़क भीड़-भाड़ वाली है, कार की अधिक कीमतें और पार्किंग जैसे मुद्दे लोगों को साझा गतिशीलता चुनने के लिए अधिक प्रेरित करते हैं.