Maruti Suzuk: देश की दिग्गज ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी कि अप्रैल-जून में प्रोडक्शन में कमी देखने को मिल सकती है. हालांकि जुलाई- सितंबर की अवधि में कंपनी को प्रोडक्शन के लेवल पर हल्की राहत मिल सकती है. मौजूदा समय में कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स में कमी के चलते प्रोडक्शन पर असर देखने को मिल रहा है. कंपनी के सीनियर अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. बता दें कि मारुति सुजुकी को चिप की शॉर्टेज की वजह से सप्लाई में दिक्कत आ रही है. मारुति सुजुकी के सेल्स एंड मार्केटिंग के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 1.7 लाख यूनिट्स खोई थी. बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी के प्रोडक्शन में 45000 यूनिट्स की कमी देखने को मिली थी. इसी तरह चौथी तिमाही में 38000 यूनिट्स का प्रोडक्शन नहीं हो पाया. 

Ertiga की 1 लाख बुकिंग पेंडिंग

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उन्होंने आगे कहा कि मांग से ज्यादा आपूर्ति के साथ ऑटो प्रमुख के पास 4 लाख से ज्यादा यूनिट्स पेंडिंग लेवल पर पड़ी हैं. इसमें अर्टिगा (Ertiga) 1 लाख की बुकिंग के साथ टॉप पर है. उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सप्लाई स्थिति को देखते हुए कंपनी को अप्रैल में उत्पादन में घाटा हुआ और मई और जून में भी इसी तरह की स्थिति दोहराने की आशंका है.

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कंपनी के बैकलॉग में इतनी बुकिंग पेंडिंग 

उन्होंने आगे कहा कि मई में प्रोडक्शन में घाटा दिखा और ऐसी आशंका है कि जून में घाटा देखने को मिल सकता है. इस तिमाही भी कंपनी को घाटा हो सकता है. Ertiga के अलावा, कॉम्पैक्ट SUV Brezza को भी 60000 यूनिट्स बैकलॉग में पड़ी है. इसके अलावा Maruti Jimny और Maruti Fronx दोनों को ही 30-30 हजार बुकिंग मिली हुई है. श्रीवास्तव ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में चिप आपूर्ति की स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है. 

अप्रैल 2023 में गिरा प्रोडक्शन

उन्होंने आगे कहा कि ऐसी उम्मीद है कि जुलाई महीने में सुधार देखने को मिल सकता है. उन्होंने आगे कहा कि चिप की विजिविलिटी लिमिटेड रहने वाली है और कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट्स को मोडिफाई करती रहेगी. उन्होंने आगे बताया कि दूसरी तिमाही में स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है. अप्रैल में कंपनी ने 1,44,097 पैसेंजर व्हीकल्स का प्रोडक्शन किया था, जो कि बीते साल समान अवधि में 1,52,954 था. यानी कि कुल 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स में कमी की वजह से प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. 

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सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से हो रही प्रोडक्शन में कमी

2022-23 में कार मेकर ने 19.22 लाख यूनिट्स का प्रोडक्शन किया था. हालांकि कंपनी बीते वित्त वर्ष के कुल प्रोडक्शन यानी कि 20 लाख यूनिट्स प्रोडक्शन को पूरा नहीं कर पाई थी. सेमीकंडक्टर्स एक तरह की सिलिकॉन चिप होती है, जो ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर्स और मोबाइल फोन्स समेत अलग इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में कंट्रोल और मेमोरी फंक्शन का काम करती है. 

हाल ही के समय में ऑटो इंडस्ट्री में सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल बढ़ा है. बता दें कि नए मॉडल में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स जैसे ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, ड्राइवर असिस्ट्स, नेविगेशन और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक सिस्टम का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है. 

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