मार्केट में एंट्री लेने वाला है एक और इलेक्ट्रिक स्कूटर; सिंगल चार्ज पर चलेगा 110 km, मिल सकते हैं कई सारे फीचर्स
Kinetic Green E-Luna Launching: कंपनी भारतीय ऑटो बाजार में आज अपना इलेक्ट्रिक Luna स्कूटर को लॉन्च करने वाली है. बता दें कि 80 और 90 के दशक में ये इलेक्ट्रिक स्कूटर लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुआ करता था लेकिन बाद में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया.
Kinetic Green E-Luna Launching: काइनेटिक ग्रुप की ग्रीन मोबिलिटी कंपनी कायनेटिक ग्रीन (Kinetic Green) आज अपना मोस्ट अवेटेड इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने वाली है. कंपनी भारतीय ऑटो बाजार में आज अपना इलेक्ट्रिक Luna स्कूटर को लॉन्च करने वाली है. बता दें कि 80 और 90 के दशक में ये इलेक्ट्रिक स्कूटर लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुआ करता था लेकिन बाद में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया. लेकिन अब कंपनी 2024 में अब स्कूटर को दोबारा लॉन्च कर रही है और वो भी इलेक्ट्रिक वेरिएंट में. हालांकि कंपनी ने पिछले महीने ही इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की बुकिंग शुरू कर दी थी और अब वक्त है इस स्कूटर की कीमत से पर्दा उठने का. आज कंपनी बता देगी कि इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत कितनी है?
₹500 में बुक कर सकते हैं स्कूटर
स्मार्ट, मजबूत और हेवी-ड्यूटी ई-लूना को काइनेटिक ग्रीन वेबसाइट पर सिर्फ 500 रुपये में प्री-बुक किया जा सकता है. कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ई-लूना को 7 फरवरी 2024 को लॉन्च किया जाएगा, जिसकी बुकिंग गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी, 2024 को शुरू हो गई थी.
कैसी होगी नई ई-लूना
डिजाइन की बात करें तो कंपनी ने इस इलेक्ट्रिक स्कूटर के फ्रंट में हेलोजिन हैडलैम्प्स दिए हैं, जो राउंड शेप में है. इसके अलावा इंडिकेटर्स में भी हेलोजिन बल्ब मिलेंगे. स्कूटर में 16 इंच के वायर स्पॉक व्हील्स दिए गए हैं और 180 एमएम का ग्राउंड क्लीयरेंस दिया गया है.
दूसरे स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो इस स्कूटर में 2 kwh का बैटरी पैक मिल सकता है, जिसकी टॉप स्पीड 50 kmph की होगी और ये इलेक्ट्रिक स्कूटर सिंगल चार्ज पर 110 किमी की रफ्तार पकड़ेगा. कीमत कितनी होगी, इसका खुलासा आज होगा. आज कंपनी लॉन्चिंग के दौरान इस स्कूटर की कीमत से पर्दा उठा देगी.
मेड इन इंडिया होगी ई-लूना
कंपनी का कहना है कि ई-लूना न केवल पूरी तरह से 'मेड इन इंडिया' है, बल्कि "मेड फॉर इंडिया" भी है. ई-लूना को एक मजबूत और टिकाऊ ईवी के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो न केवल मेट्रो और टियर में उपभोक्ताओं की सड़क की स्थिति और ड्राइविंग आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है लेकिन भारत के टियर-2, टियर-3 शहरों और ग्रामीण बाजारों के लिए अहम है.