Ford की कार खरीदने का फिर मिलेगा मौका? तमिलनाडु सीएम के पोस्ट से फिर उठा ये सवाल
एमके स्टालिन Ford India के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. इस मुलाकात के बाद ये सवाल फिर लोगों के बीच पैदा हो गया है कि क्या भारत में Ford India की वापसी हो रही है?
अमेरिकी कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फोर्ड (Ford Motor) की इंडिया मे वापसी हो रही है? ऐसा सवाल तब सामने जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की एक फोटो सामने आई, जिसमें वो फोर्ड कंपनी के प्रतिनिधियों से बात करते हुए नजर आ रहे हैं. 11 सितंबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर किया था. इस पोस्ट में एमके स्टालिन Ford India के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. इस मुलाकात के बाद ये सवाल फिर लोगों के बीच पैदा हो गया है कि क्या भारत में Ford India की वापसी हो रही है? हालांकि इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी हो जाएगा लेकिन समय रहते इस सवाल का भी जवाब मिल जाएगा.
MK Stalin ने क्या किया पोस्ट
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि Ford Motors की टीम के साथ बातचीत हुई. उन्होंने आगे कहा कि फोर्ड की तमिलनाडु सरकार के साथ 30 साल की पार्टनरशिप को रिन्यू करने की संभावनाओं पर बातचीत की, ताकि एक बार फिर दुनिया के लिए तमिलनाडु को तैयार किया जा सके.
2021 में बंद हुई थी कंपनी
बता दें कि 9 सितंबर 2021 को कंपनी ने अपने प्लांट को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का ऐलान किया था. बता दें कि फोर्ड इंडिया ने दशकों तक इस देश में अपने प्रोडक्ट्स बेचे थे. बता दें कि सबसे पहले सरकार की ओर से फोर्ड को 99 साल की लीज पर जमीन अलॉट की थी.
जुलाई 2022 में आखिरी कार की तैयार
फोर्ड की ओर से चेन्नई में स्थापित किए गए अपने प्लांट में आखिरी बार जुलाई 2022 में कोई प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर्र किया गया था. तमिलनाडु सरकार ने 350 एकड़ जमीन फोर्ड को अलॉट की थी. साल 1999 में कंपनी ने चेन्नई प्लांट से व्हीकल्स का प्रोडक्शन और इंजन असेंबल करना शुरू किया था. इस प्लांट में 1.5-2 लाख और 3.5 लाख इंजन के प्रोडक्शन की क्षमता है.
2022 में कंपनी ने इंडिया में अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया था और अपने गुजरात वाले प्लांट को टाटा मोटर्स को बेच दिया था. हालांकि कंपनी अपना चेन्नई वाला प्लांट JSW को बेचने के लिए बात कर रही थी लेकिन वो पूरा हो ना सका और कंपनी चेन्नई में प्लांट को ना बेचने का फैसला किया.