एक कार कंपनी जिसे भारत में आए 20 साल हो गए, लेकिन कभी उसे मुनाफा नहीं हुआ. बावजूद कंपनी ने भारत में भरोसा बनाए रखा और आखिरकार 20 साल बाद कंपनी का भारत पर भरोसा रंग लाया और कंपनी ने पहली बार मुनाफा कमाया. जी हां, ये खबर आपको हैरान कर सकती है, लेकिन है बिल्कुल सच. कार बनाने वाली यह कंपनी है फोर्ड मोटर. कंपनी ने भारत में 1995 में कदम रखा था.

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फोर्ड मोटर इंडिया ने 31 मार्च को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में पहली बार मुनाफा कमाया है. इस मामले से सीधे जुड़े कंपनी के दो अधिकारियों ने यह बात कही है. अमेरिका की इस कार कंपनी को यह लाभ भारत जैसे विशाल बाजार में यातायात में तेजी से आ रहे बदलाव की वजह से मिला है. फोर्ड भारत को इमर्जिंग मार्केट ऑपरेटिंग ऑपरेशंस (EMOM) नीति के तहत एक परीक्षण स्थल के रूप में उपयोग कर रही है. इसके परिणाम दिखने शुरू भी हो गए हैं. इस  नीति  में लागत घटाना शामिल है.

कंपनी वित्तीय परिणाम जल्द सौंपेगी

फोर्ड को भारत में कारोबार करने से फायदा हुआ है. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, वर्ष 2015-16 में जहां कंपनी ने 2.1 अरब डॉलर का कारोबार किया, वहीं वर्ष 2016-17 में 2.8 अरब डॉलर और वर्ष 2017-18 में यह कारोबार बढ़कर 3.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया. ऐसा पहली बार हुआ जब भारत में फोर्ड की बिक्री 31 मार्च को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 1 अरब डॉलर को पार कर गया. फोर्ड इंडिया बहुत जल्द अपने वित्तीय परिणाम कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय की इकाई रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जमा करेगी. 

मारुति सुजुकी से तुलना

आपको पता है कि मारुति सुजुकी देश की सबसे बड़ी कार निर्माता है. मारुति ने एक हैचबैक मॉडल विकसित करने में 1,000 करोड़ रुपये लगाए, जबकि फोर्ड ने एस्पायर कार प्लेटफॉर्म को विकसित करने में 3,500 करोड़ रुपये लगाए. थोड़े आश्चर्य की बात यह हो सकती है कि मारुति हर साल करीब 8,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाती है. फोर्ड मोटर की EMOM नीति का उसे फायदा हुआ है. कंपनी ने अपनी बनावट संबंधी लागत को 40 प्रतिशत तक कम कर लिया है.