Electric Vehicles: पिछले दो सालों के दौरान इलेक्ट्रिक व्हीकल्स  (ईवी) क्षेत्र में रोजगार 108 प्रतिशत (Employment growth in EV sector) बढ़ा है. सीआईईएल एचआर सर्विसेज (CIEL HR Services) की ताजा स्टडी में शनिवार को यह बात कही गई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रोजगार के लिहाज से ईवी क्षेत्र में इंजीनियरिंग विभाग का दबदबा है. इसके बाद संचालन और बिक्री, क्वालिटी एश्योरेंस, व्यवसाय विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और मार्केटिंग शामिल हैं.

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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स टैलेंट में बेंगलुरु सबसे ऊपर

खबर के मुताबिक, ईवी क्षेत्र 2022 में लेटेस्ट रोजगार रुझान' शीर्षक के साथ जारी इस स्टडी में सीआईईएल एचआर सर्विसेज लिमिटेड (CIEL HR Services) ने 52 कंपनियों के 15,200 कर्मचारियों से रायशुमारी की. स्टडी में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स टैलेंट के लिए बेंगलुरु 62 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है. इसके बाद नई दिल्ली की 12 प्रतिशत, पुणे की नौ प्रतिशत, कोयंबटूर की छह प्रतिशत और चेन्नई की तीन प्रतिशत हिस्सेदारी है.

छह महीनों में 2,236 कर्मचारियों को काम पर रखा

इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों Electric Vehicles Companies) ने पिछले छह महीनों में 2,236 कर्मचारियों को काम पर रखा है. वहीं महिलाओं ने इस सेगमेंट के लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. काइनेटिक ग्रीन, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज, ओबेन इलेक्ट्रिक, एम्पीयर व्हीकल्स जैसी कुछ Electric Vehicles कंपनियों में टॉप मैनेजमेंट पदों पर महिलाएं हैं.

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भारत ईवी को अपनाने के लिए तेजी से निवेश कर रहा

तमिलनाडु के रानीपेट में ओला की ई-स्कूटर फैक्ट्री पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित है. सीआईईएल एचआर सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए तेजी से निवेश कर रहा है. अगर भारत इस रफ्तार को बनाए रखता है, तो देश के ईवी (Electric Vehicles) क्षेत्र में 2030 तक 206 अरब डॉलर के अवसर होंगे.