Budget 2023 में FAME-II स्कीम के तहत सब्सिडी आगे बढ़ाने की उठी मांग, हल्के से भारी कॉमर्शियल गाड़ियां भी हों शामिल
Electric vehicles FAME-II Scheme: सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने बजट से पहले की सिफारिशों में बिजली से चलने वाले वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की.
Electric vehicles FAME-II Scheme: इलेक्ट्रिक व्हीकल मैनुफैक्चरर्स के संगठन ने फेम-दो योजना (FAME-II Scheme) के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए सब्सिडी का विस्तार करने का अनुरोध किया है. संगठन ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) को लोकप्रिय बनाने के लिए हल्के से भारी वाणिज्यिक वाहनों को भी योजना में शामिल किया जाए. भाषा की खबर के मुताबिक, उद्योग संगठन ‘सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने बजट से पहले की सिफारिशों में बिजली से चलने वाले वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की.
FAME-II Scheme की वैलिडिटी 31 मार्च 2024 तक
खबर के मुताबिक, एसएमईवी (SMEV) ने एक बयान में कहा कि फेम-दो की वैलिडिटी 31 मार्च 2024 को खत्म हो जाएगी. फेम की वैलिडिटी का विस्तार करने की जरूरत है क्योंकि जितनी पैठ बननी चाहिए थी उतनी अभी नहीं बन पाई, सब्सिडी इसे गति देने के लिए है. संगठन ने कहा कि बाजार के रुझान बताते हैं कि ई-व्हीकल्स, विशेषकर इलेक्ट्रिक दोपहिया व्हीकल्स में कुल दोपहिया बाजार के 20 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद भी बढ़ने की क्षमता है. उसने कहा, इसके बाद सब्सिडी हटाई जा सकती है.
हल्के, मध्यम और भारी कॉमर्शियल गाड़ियां भी हों शामिल
उद्योग संगठन (Electric vehicles association) ने हल्के, मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों को भी परियोजना के आधार पर योजना (Electric vehicles FAME-II Scheme) में शामिल करने का सुझाव दिया है और कहा है कि भारत को आने वाले तीन से चार वर्षों में ट्रकों और भारी कॉमर्शियल गाड़ियां में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने के लिए तैयार रहना होगा. इसके अलावा एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी जीएसटी लगाने का भी अनुरोध किया.
तीन साल के लिए है FAME-II Scheme
सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के खर्च (सब्सिडी के तौर पर) के लिए FAME योजना के फेज-2 को 1 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी थी. यह स्कीम 3 साल की अवधि के लिए है. कुल बजटीय समर्थन में से लगभग 86 प्रतिशत फंड डिमांड इंसेंटिव (Electric vehicles FAME-II Scheme) के लिए आवंटित किया गया है ताकि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मांग पैदा की जा सके.
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