Electric Vehicle Fire: बीते दिनों इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की कुछ खबरें देश भर में चर्चा का विषय रही. ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेफ्टी को लेकर कस्टमर्स और स्टेकहोल्डर्स दोनों सचेत हो गए हैं. लेकिन अब इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैं. ईवी कंपनी कोमाकी (Komaki) देश में फायरप्रूफ बैटरी लॉन्च करने के लिए बिल्कुल तैयार है.

कोमाकी लेकर आ रही है फायरप्रूफ बैटरी

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोमाकी के ऑपरेशन हेड सुभाष शर्मा के अनुसार, हम भारत में फायरप्रूफ बैटरी (Fireproof Battery) लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं, जिस पर हम पिछले एक साल से काम कर रहे हैं. हम इसका पेटेंट भी हासिल कर रहे हैं. इसमें बैटरी से ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सुरक्षित तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle Fire) में आग लगने की कम से कम चार घटनाएं सामने आई हैं, जो कि इंडस्ट्री के लिए चिंता की बात है. Komaki ने जनवरी में रेंजर और वेनिस इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को लॉन्च किया था. वहीं पिछले महीने कंपनी ने डीटी 3000 को भी लॉन्च किया था.

क्यों लगती है ईवी में आग

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों में तीन कारणों से आग (EV Fire) लगती है. जैसे खराब क्वालिटी वाला लिथियम, बैटरी के अंदर सेल की लीकेज, और बैटरी कंट्रोलर और मोटर (Powertrain) के पैरामीटर का बेमेल होना. 

उनके अनुसार गैसोलीन और लिथियम दोनों अत्याधिक ज्वलनशील हैं. अंतर केवल आग पकड़ने के तापमान का है. जहां एक तरफ गैसोलीन (gasoline) का सेल्फ-इग्निशन तापमान 210+ डिग्री सेल्सियस है, वहीं लिथियम (Lithium) का सेल्फ-इग्निशन तापमान 135+ डिग्री सेल्सियस है.

वक्त के साथ एडवांस्ड होगी ईवी इंडस्ट्री

उन्होंने कहा कि ICE इंजन उद्योग काफी पुरानी है और इसकी शुरुआती चरणों में काफी जटिलताएं थीं और जहां तक इलेक्ट्रिक सेक्टर की बात है, यह नया है. यह ICE की तरह कुछ समय में खुद को बेहतर बना सकता है. 

पिछले कुछ दिनों में ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) और ओकिनावा ई-स्कूटर (Okinawa e-scooters) में आग लगने की घटनाओं के बाद सरकारी हलकों में इसे लेकर जागरूकता आई. इसके बाद हैदराबाद के प्योर ईवी (Pure EV) और एक अन्य इलेक्ट्रिक स्कूटर में पिछले महीने के अंत में आग लग गई थी.

इन घटनाओं ने सरकार को जगाया और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए जांच के आदेश दे दिए. वहीं बैटरी निर्माता (EV Battery) भी इसे लेकर सतर्क हैं और ओवरहीटिंग की समस्या से निपटने के लिए पूरी सुरक्षा का आश्वासन दे रहे हैं.