Connected car: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (electric vehicle) की तेजी से बढ़ती स्वीकार्यता के कारण भारतीय बाजार में निकट भविष्य में इंटरनेट से जुड़ी कार (कनेक्टेड कार) बेहद आम हो जाने वाली है. डिलॉयट (Deloitte) ने एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जाहिर की है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, डिलॉयट वैश्विक वाहन बाजार को लेकर सालाना एक रिपोर्ट ‘वैश्विक वाहन उपभोक्ता अध्ययन’ जारी करती है. इसके हालिया संस्करण के अनुसार, भारतीय बाजार में आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों तथा कनेक्टेड कारों (Connected Car) की मांग में तेजी देखने को मिलेगी.

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रिपोर्ट में कहा गया कि निकट भविष्य में कनेक्टेड कार भारतीय बाजार में आम हो जाएंगी. इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ने के कारण कनेक्टेड कारों की मांग में भी तेजी आने की उम्मीद है. इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को नजदीकी चार्जिंग स्टेशन का पता लगाने और टेलीमैटिक्स डेटा तक पहुंच बनाने समेत कई अन्य सुविधाओं में कनेक्टेड फीचर से सहुलियत हो सकेगी.

डिलॉयट ने कहा कि यात्री वाहनों की बिक्री में हालिया गिरावट के बाद भी कनेक्टेड कार की मांग बढ़ी है. इससे पता चलता है कि उन्नत और कनेक्टेड फीचर के लिये उपभोक्ताओं की भुगतान करने की इच्छा पिछले दो साल में सुधरी है. डिलॉयट इंडिया के पार्टनर राजीव सिंह ने कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं की ठीक-ठाक संख्या है, जो अपने कारों में कनेक्टेड फीचर के लिये 50 हजार से एक लाख रुपये तक का अतिरिक्त बोझ उठाने को तैयार हैं.

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भारत में पिछले साल ह्युंदई ने पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और कनेक्टेड एसयूवी KONA को पेश किया. इसके अलावा एमजी मोटर की इलेक्ट्रिक कार MG ZS EV इसी महीने लॉन्च हुई है, जो कनेक्टेड कार है. साल 2020 में भारत में कई और इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च होंगी. इसमें कई कनेक्टेड कार भी होंगी. यानी यह इंटरनेट से जुड़ी कारें होंगी.