70 के दशक में जिस लूना ने लोगों को दीवाना बना दिया था. हर किसी की जबान पर चल मेरी लूना ही रहता था, उसका इलेक्ट्रिक वेरिएंट मार्केट में लॉन्च हो चुका है. फरवरी में इसकी लॉन्चिंग थी और अब वक्त इसे रिव्यू करने का है. काफी समय से लूना मेरे पास है. इसी से मैंने ऑफिस आना जाना किया और इस दौरान मैंने नोटिस किया कि कई रेन्डम लोगों ने रुक रुककर मुझसे इसके बारे में पूछा. कुछ लोगों को इसका डिजाइन पसंद आया तो कुछ को प्रभावी लगी इसकी कीमत. लेकिन हमने जब इसे रिव्यू किया तो कई सारे प्वाइंटर्स पर बात की, यहां जानें कि ये इलेक्ट्रिक मोपेड कितना दमदार है?

E-Luna Review: कैसा है डिजाइन?

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सबसे पहले बात करते हैं डिजाइन कि फ्रंट में मिल जाती है बड़ी सी गोल हेडलाइट, साइड में इंडिकेटर्स, 16 इंच के व्हील्स और टेलीस्कोपिक फ्रंट सस्पेंशन, जो फाइबर से गार्ड किया हुआ है. इसके अलावा यहां लैग गार्ड मिलता है और राइडर को पैर रखने के लिए यहां जगह दी गई है. साइड में कुछ खास नहीं मिलता है लेकिन अलग-अलग कलर के ये फ्रेम मिल जाएंगे. हमारे पास जो है उसका कलर ब्लू है. इसके अलावा 4 और कलर कंपनी पेश करती है. इसका चेसी स्टील का है और फाइबर से कवरिंग दी गई हैं. एक और खास फीचर मिलता है और वो है साड़ी गार्ड. ये ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटर में नहीं दिया जाता. अब आ जाते हैं रियर प्रोफाइल में तो यहां टेल लाइट्स, रिफलेक्टर्स और इंडिकेटर्स तो मिलते ही हैं. साथ ही पिलियन के लिए ग्रैब रेल दी गई है. 

E-Luna Review: स्पेस से भरपूर

यूटिलिटी पर्पज से देखोगे तो फ्रंट में हुक दिया हुआ है, सामान लटकाने के लिए बड़ा कैरिंग स्पेस भी मिला है. यहां गैस सिलेंडर समेत कई सामान रख सकते हो. डिजिटल मीटर है, जहां बैटरी, स्पीड जैसी इन्फॉर्मेशन मिलेगी और लेफ्ट और राइट में यूजफुल बटन्स मिल जाएंगे. और हां, पीछे वाली सीट को रिमूव करके सामान लोड कर सकते हो. लोडिंग कैपिसिटी 150 किलो की है.

E-Luna Review: कैसी है परफॉर्मेंस?

देखो परफॉर्मेंस के लिहाज से ठीक ठाक है. 2 बैटरी वेरिएंट्स मिलते हैं. एक 1.7 kwh और दूसरा 2 kwh. टॉप स्पीड इसकी 50 kmph है, शहर के हिसाब से ठीक है और 2 kwh वेरिएंट की बात करूं तो ये सिंगल चार्ज पर 110 किमी की रेंज का दावा करता है लेकिन रियल रेंज 90-100 किमी ही है. जो 1.7 kwh वेरिएंट है, वो 90 किमी की रेंज देता है. लेकिन 80 मान कर चलिए. चार्जिंग का समय 3-4 घंटे है. चार्ज करने के लिए चार्जर और कनेक्टर मिलता है और बैटरी को मोपेड से निकालकर चार्ज कर सकते हो. हालांकि ये भारी है, इसका वजन लगभग 20 किलो है तो आपका घर अगर दूसरी और तीसरी मंजिल पर है तो आपको मुश्किल हो सकती है. 

E-Luna Review: राइडिंग एक्सपीरियंस

तीन राइडिंग मोड्स का सपोर्ट है. अब राइडिंग एक्सपीरियंस की बात करूं तो मेरे हिसाब से ये ठीक है. लंबे लोगों को शायद बैठकर झुकने की समस्या महसूस हो लेकिन एवरेज हाइट वाले लोग आराम से चला सकते हैं. फुटरेस्ट उतने कंफर्टेबल नहीं है, अगर स्लीपर्स पहनकर ऑफिस जा रहे हो तो दिक्कत हो सकती है. एक्सक्लेरेशन उतना स्मूथ नहीं है. टॉप स्पीड पकड़ने में थोड़ा टाइम लेता है लेकिन ब्रेकिंग सिस्टम अच्छा है. कंपनी ने कॉम्बि ब्रेकिंग सिस्टम दिया है. फ्रंट और रियर में ड्रम ब्रेक मिलते हैं. कीमत की बात करूं तो बेस वेरिएंट की कीमत 70,000 और टॉप वेरिएंट की एक्स-शोरूम प्राइस 75000 रुपए है. 

E-Luna Review: खरीदनी है या नहीं?

अब आ जात हैं निष्कर्ष पर. सबकुछ अच्छा है लेकिन एक चीज़ छोड़कर और वो है इसकी साउंड. वैसे तो किसी ई-स्कूटर में आवाज़ नहीं आती लेकिन इससे जो साउंड आती है वो आपको इलेक्ट्रिक रिक्शा से आने वाली साउंड जैसा फील देगी. ये मुझे एक माइनस प्वाइंट लगा. लेकिन ज्यादा महंगी नहीं है और लोडिंग स्पेस अच्छा है तो छोटे मोटे दुकानदारों के लिए परफेक्ट च्वाइस हो सकती है. बैटरी और चार्जिंग का सपोर्ट ठीक है लेकिन पावर आउटपुट उतना स्मूथ नहीं है. राइडिंग के दौरान कंफर्ट सही है और एट्रेक्टिव है तो लोगों की नजर जरूर पड़ती है. और हां, बैटरी बैकअप उतना अच्छा नहीं है...मुझे ऐसा लगता है कि इसे 2-3 दिन में फुल चार्ज करना पड़ सकता है.