Electric Vehicle Charging Policy: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग तरह से काम कर रही हैं. इसी को लेकर दिल्ली सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. दिल्ली सरकार ने मौजूदा इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति (Electric Vehicle Policy) की अवधि को और बढ़ा दिया है. बता दें कि ये पॉलिसी 8 अगस्त को खत्म होने वाली थी लेकिन दिल्ली सरकार ने इसकी अवधि को आगे के लिए बढ़ा दिया है. ये पॉलिसी 8 अगस्त को पूरी हो गई थी. दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा कि अगली इलेक्ट्रिक वाहन नीति चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और खरीद प्रोत्साहन के लिए वित्तपोषण विकल्पों का विस्तार करने पर केंद्रित होगी. 

इलेक्ट्रिफिकेशन पर होगा फोकस

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उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति, 2020 की अवधि गत आठ अगस्त को पूरी हो गई थी जिसे दिल्ली सरकार ने बढ़ा दिया है. भारतीय जी20 सचिवालय के साथ ‘इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन’ (आईसीसीटी) द्वारा स्वच्छ परिवहन पर सोमवार को आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुंद्रा ने कहा कि सरकार अब विद्युतीकरण के लक्ष्य पर काम करेगी जिसके अंतर्गत बसों के बेड़े में 80 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक होंगी. 

स्कूल बसों, टैंकर को भी किया जाएगा इलेक्ट्रिक!

इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगली ईवी नीति में हल्के एवं मध्यम ट्रक या मालवाहक वाहनों को लक्षित किया जा सकता है जिनका शहरों में आवागमन होता है. उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि उदाहरण के लिए कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों, टैंकरों और स्कूल बसों के बारे में भी विचार किया जा सकता है. 

प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू की थी ये पॉलिसी

बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को शुरू किया था. इस पॉलिसी के तहत लोगों को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है. 

इस पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर 30,000 रुपए से लेकर 1.5 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है. साल 2024 तक राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल के यूज़ को 25 फीसदी तक करने का लक्ष्य है. 

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