ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक भविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ने शनिवार (23 नवंबर) को एक बड़ी घोषणा का इशारा किया है. उन्होंने कहा कि वह एक बेहद रोमांचक चीज पर काम कर रहे हैं और इस हफ्ते इस बारे में अहम घोषणा की जाएगी. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि यह घोषणा क्या होगी. एक्स पर उनके पोस्ट के बाद अब लोग तमाम तरह के कयास लगा रहे हैं.

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इससे पहले, अग्रवाल ने ओला इलेक्ट्रिक के आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में भी बयान दिया था. एक टीवी चैनल को उन्होंने बताया था कि ओला इलेक्ट्रिक अपने खुद के लिथियम-आयन सेल्स बनाने की योजना बना रहा है. उनका कहना था कि अगले साल की शुरुआत में ये सेल्स कंपनी की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में इस्तेमाल होने लगेंगे. मुमकिन है कि वह इसी घोषणा की बात कर रहे हों.

भविश अग्रवाल कहते हैं कि ओला इलेक्ट्रिक का उद्देश्य स्वदेशी लिथियम-आयन सेल्स का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत को कम करना है. उन्होंने कहा था, "अब तक हम अपने खुद के सेल्स को शामिल नहीं कर पाए हैं, जो कि हमारे EVs की लागत को बेहतर करने के लिए एक अहम कदम होगा."

ओला इलेक्ट्रिक का मानना है कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए स्वदेशी तकनीकी विकास बेहद जरूरी है. अग्रवाल ने कहा, "हमने सेल्स में निवेश किया है क्योंकि हमें विश्वास है कि भारत में इलेक्ट्रिक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हमें लिथियम सेल्स का निर्माण देश में ही करना होगा."

ओला इलेक्ट्रिक की गीगाफैक्ट्री

ओला इलेक्ट्रिक की गीगाफैक्ट्री इस पूरी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस फैक्ट्री का नेतृत्व बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के अनुभवी विशेषज्ञ ह्यून शिक पार्क कर रहे हैं. पार्क, जिन्होंने पहले दक्षिण कोरिया की LG कंपनी में 36 साल से ज्यादा समय बिताया, अब ओला इलेक्ट्रिक की गीगाफैक्ट्री में सेल्स के मास प्रोडक्शन की देखरेख कर रहे हैं. यह भी गौर करने वाली बात है कि पिछले वित्तीय वर्ष में ह्यून शिक पार्क को कंपनी में सबसे ज्यादा वेतन पैकेज दिया गया था, जो इस फैक्ट्री और उसके महत्व को दर्शाता है.