डीजल कार मालिकों को मिलेगी राहत? सरकार ने अभी तक बैन के प्रस्ताव को नहीं स्वीकारा; जानें पूरी बात
ऑयल मिनिस्ट्री ने कहा कि सरकार ने अभी तक डीजल कार पर पूरी तरह बैन लगाने वाले सुझाव को स्वीकार नहीं किया है. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में डीजल कार पर रोक लगाई गई है.
पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार ने 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चार-पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा को अभी स्वीकार नहीं किया है. ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति ने बड़े शहरों में डीजल से चलने वाले वाहनों पर वर्ष 2027 तक रोक लगाने के साथ ही इलेक्ट्रिक और गैस से चलने वाले वाहनों को अपनाने का सुझाव दिया है.
2035 तक बाइक, तिपहिया वाहनों को हटाने की कोशिश
इसके अलावा पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता वाली समिति ने परंपरागत इंजन से चलने वाले मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों को भी 2035 तक चरणबद्ध ढंग से हटाने की सिफारिश की है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बुधवार को एक ट्वीट में इस समिति की अनुशंसा पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘मंत्रालय को ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति की रिपोर्ट मिल गई है. (हालांकि) भारत सरकार को समिति की यह रिपोर्ट स्वीकार करनी अभी बाकी है.’’
2070 तक जीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य
बीते फरवरी में सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 10 वर्षों में शहरी इलाकों में कोई भी नई डीजल बस न चलाई जाए. पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति ने कम कार्बन वाले ईंधन को अपनाने के लिए व्यापक सुझाव दिए हैं. समिति का नजरिया भविष्योन्मुखी है.’’
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