Auto Sales in India: सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन (SIAM) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है, जहां लोग सबसे ज्यादा पैसेंजर व्हीकल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि किस राज्य में बाइक की डिमांड ज्यादा है और कौन-सा राज्य कमर्शियल व्हीकल्स की डिमांड में आगे है? बता दें कि हर महीने SIAM की एक रिपोर्ट आती है, जिसमें पैसेंजर व्हीकल, टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल की सेल्स के आंकड़ों की जानकारी होती है. इसी सिलसिले में SIAM एक रिपोर्ट और जारी करती है, जिसमें राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के आधार पर ऑटो सेक्टर की डिमांड की जानकारी दी गई है. 

Maharashtra में कार की ज्यादा डिमांड

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रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में पैसेंजर व्हीकल या कार की सबसे ज्यादा डिमांड है. वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कुल पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में 11.96 फीसदी हिस्सेदारी महाराष्ट्र की है. इसके बाद उत्तर प्रदेश की 10.04 फीसदी, गुजरात की 8.46 फीसदी, कर्नाटक की 7.07 फीसदी, तमिलनाडु की 6.61 फीसदी, हरियाणा की 6.60 फीसदी, दिल्ली की 5.94 फीसदी, राजस्थान की 5.26 फीसदी, केरल की 4.39 फीसदी, तेलंगाना की 4.11 फीसदी, मध्य प्रदेश की 4.08 फीसदी, पंजाब की 3.44 फीसदी, आंध्र प्रदेश की 2.79 फीसदी, पश्चिम बंगाल की 2.66 फीसदी, असम की 2.51 फीसदी और दूसरे राज्यों की 14.01 फीसदी हिस्सेदारी है.

टॉप-10 की लिस्ट में कौन-से राज्य?

उत्तर प्रदेश

महाराष्ट्र

गुजरात

तमिलनाडु

राजस्थान

मध्य प्रदेश

कर्नाटक

बिहार

पश्चिम बंगाल

हरियाणा

2W सेगमेंट में कौन-सा राज्य आगे?

टू व्हीलर सेगमेंट की बात करें तो इस सेगमेंट में उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश की टू-व्हीलर की कुल बिक्री में 14.35 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा महाराष्ट्र की 10.98 फीसदी, मध्य प्रदेश की 7.14 फीसदी, तमिलनाडु की 6.92 फीसदी,     राजस्थान की 6.90 फीसदी, गुजरात की 6.29 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा सबसे कम राज्य में पंजाब, छत्तीसगढ़, हरियाणा जैसे राज्यों का नाम शामिल है. 

कमर्शियल व्हीकल में किस राज्य में क्या है हिसाब?

कमर्शियल व्हीकल की बात करें तो कुल बिक्री में फिर महाराष्ट्र ने बाजी मारी है. महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 13.24 फीसदी की है. उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 9.84 फीसदी, गुजरात की 8.69 फीसदी, कर्नाटक की 7.23 फीसदी, राजस्थान की 7.03 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा सबसे कम हिस्सेदारी वाले राज्यों में दिल्ली, छत्तीसगढ़, असम, तेलंगाना जैसे राज्य शामिल है.