हिंदुजा बंधुओं की वाहन बनाने वाली कंपनी Ashok Layland को देश के तीन राज्यों-तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ (केंद्रशासित) से हाल में 2580 बसों का ऑर्डर प्राप्त हुआ है. जिन तीन राज्यों की राज्य परिवहन से बसों के इतने ऑर्डर मिले हैं, उनमें आईआरटी (इंस्‍टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट, चेन्‍नई), यूपीएसआरटीसी (उत्‍तर प्रदेश स्‍टेट रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) और सीटीयू (चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग) शामिल हैं. कंपनी ने इन ऑर्डर मिलने की पुष्टि की है. कंपनी इन सभी बसों की डिलीवरी मार्च 2019 तक कर देगी. ये ऑर्डर्स एक सिंगल ओईएम के लिये एसटीयू के सबसे बड़े ऑर्डर्स में शामिल हैं.

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कंपनी का है दावा

वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कंपनी अशोक लेलैंड का कहना है कि हमारी बसें टिकाऊ और मजबूत हैं. अशोक लेलैंड के ग्‍लोबल बसेस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संजय सारस्‍वत ने कहा कि मजबूती के साथ हम अपने वाहनों में नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. उनका कहना है कि बाजार एवं ग्राहकों की भलाई को लेकर हमारी गहरी समझ, हमें सबसे अलग बनाती है और इससे हमें इन ऑर्डर्स को पाने में मदद मिली है''. इसी तरह कंपनी के एमडी विनोद के. दसारी ने कहा कि हमें स्‍टेट ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्‍स से इन ऑर्डर्स की पुष्टि हासिल कर हमें बेहद खुशी हो रही है.

चौथी सबसे बड़ी बस निर्माता

अशोक लेलैंड वर्तमान में दुनिया में चौथी सबसे बड़ी बस निर्माता और भारत की सबसे बड़ी बस निर्माता है. उद्योग जगत के जानकारों का मानन है कि ये ऑर्डर्स इसकी लीडरशिप पोजीशन को और भी मजबूत बनाएंगे. हालांकि कंपनी की बिक्री बीते दिसंबर 2018 में करीब 20 प्रतिशत घटी है. इस दौरान कंपनी ने मात्र 15,493 यूनिट वाहन ही बेची. सालाना आधार पर दिसंबर 2017 में बिक्री की यह संख्या 19,251 यूनिट थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी को मिले इस ऑर्डर की बसों की कीमत 12 से 15 लाख रुपये के बीच होगी. ये बसें लंबी दूरी तय करने वाली बसें होंगी.

(फाइल फोटो - जी न्यूज़)

डिफेंस क्षेत्र में कारोबार पर नजर

अशोक लेलैंड पिछले माह इजराइल की कंपनी एल्बिट सिस्टम्स के साथ करार किया है. इस समझौते से अशोक लेलैंड एल्बिट सिस्टम्स को एचएमवी यानी हाई मोबिलिटी व्हीकल मुहैया कराएगी. इस समझौते से अशोक लेलैंड को डिफेंस क्षेत्र में कारोबार बढ़ाने में काफी मदद मिलने वाली है. एल्बिट सिस्टम्स आर्टिलरी सिस्टम्स और प्लेटफॉर्म बनाने का कारोबार करती है.