World Wealth Report 2023: हाई-नेट वर्थ अमीरों की संख्या में आई गिरावट, वेल्थ भी घटा, लेकिन भारत के लिए अच्छी खबर
World Wealth Report 2023: इस साल HNWIs की जनसंख्या और उनके वेल्थ में जो गिरावट है, वो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है. Capgemini की "World Wealth Report- 2023" में ऐसा खुलासा हुआ है.
World Wealth Report 2023: दुनिया भर में हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. इस साल HNWIs की जनसंख्या और उनके वेल्थ में जो गिरावट है, वो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है. Capgemini की "World Wealth Report- 2023" में ऐसा खुलासा हुआ है. वहीं Affluent यानी अच्छी-खासी संपत्ति वाले लोगों की जनसंख्या इस बार HNWIs को पछाड़ती दिखाई गई है. वैसे भारत के HNWIs के लिए इसमें एक रोशनी की किरण भी दिखाई दी है.
क्या कहती है ताजा रिपोर्ट?
1 जून, 2023 को पब्लिश इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में जियोपॉलिटिकल संकट, मार्केट में भारी गिरावट, कॉस्ट ऑफ लिंविंग का संकट और अप्रत्याशित महंगाई के चलते HNWIs को इस बार झटका लगा है. दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं, जिसका असर ग्लोबल इकोनॉमी पर हुआ है. कंपनियों की कमाई पर प्रभाव पड़ा है और इधर टेक्नोलॉजी स्टॉक्स पर भारी दबाव पड़ा है.
कितनी घटी है संपत्ति?
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में ग्लोबल HNWI वेल्थ में 3.6% की गिरावट आई, जोकि साल 2013 से 2022 के बीच में सबसे बड़ी गिरावट है. चाहे डाइवर्सिफाइड इंस्ट्रूमेंट्स हों या फिर इक्विटी, HNWIs के बाजारों में वेल्थ घटी है. और संपत्ति घटने के साथ-साथ HNWIs की पॉपुलेशन भी 2022 में 3.3% गिरकर 21.7 मिलियन पर आ गई. डेटा के मुताबिक, सबसे ज्यादा गिरावट नॉर्थ अमेरिका में देखी गई.
भारत के लिए कैसी है खबर?
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया पैसिफिक में भारत और इंडोनेशिया के लिए 2022 फिर भी अच्छा साल रहा. भारतीय शेयर बाजारों में सालाना एक एवरेज तेजी देखी गई. BSE Sensex ने ईयर-ऑन-ईयर 4.4% की तेजी दर्ज की, वहीं Nifty50 4.3% की बढ़त पर रहा. इसके अलावा, यहां HNWIs की वेल्थ और पॉपुलेशन दोनों में ही अपेक्षतया बढ़ोतरी दर्ज की गई.
भारत के लिए पिछले साल आई थी अच्छी खबर
इस साल ग्लोबल फैक्टर्स की वजह से हर तरफ भले ही HNWIs प्रभावित हुए हैं, लेकिन पिछले साल की Capgemini की रिपोर्ट, जोकि 2021 के डेटा पर आधारित थी, में पाया गया था कि भारत में HNWIs की जनसंख्या में 10.5% की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी और टोटल 308 लोग अल्ट्रा-रिच की कैटेगरी में आ चुके हैं. ग्लोबल लेवल पर भी तब इसमें 7.8% की तेजी आई थी और इनकी जनसंख्या 22.5 मिलियन हो गई थी. वेल्थ में 8% की तेजी दर्ज हुई थी.
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