अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को कहा कि 2019 में वैश्विक वृद्धि पहले लगाए गए अनुमान से भी कम हो सकती है. हालांकि, उसने कहा है कि इस साल के अंतिम महीनों में वैश्विक वृद्धि में सुधार देखने को मिल सकता है पर वह भी ‘अनिश्चित’ लगता है. विश्वबैंक और मुद्राकोष की अगले सप्ताह होने वाली ग्रीष्मकालिक बैठकों से पहले अपने संबोधन में आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था को ब्रेक्जिट का झटका लगने का खतरा है. इसके अलावा कर्ज के ऊंचे स्तर, व्यापार तनाव के अलावा वित्तीय बाजारों की बेचैनी से भी वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी. लेगार्ड ने यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स में कहा कि इस साल वैश्विक वृद्धि दर में अनिश्चितता रहेगी. 

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लेगार्ड ने कहा कि आईएमएफ अगले सप्ताह जनवरी में लगाए गए अपने वैश्विक वृद्धि के अनुमान को और कम करेगा. उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह है कि दुनिया की दो तिहाई अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर सुस्त रहेगी. इस साल की शुरुआत में आईएमएफ वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को काफी कम कर चुका है. आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल और अगले वर्ष वैश्विक वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रहेगी. 

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अगले सप्ताह वाशिंगटन में होने वाली केंद्रीय बैंकरों और वित्त मंत्रियों की अर्द्धवार्षिक बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि अमेरिका और चीन अपने आठ माह से चल रहे व्यापार विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, लेगार्ड ने कहा कि उम्मीद का भी कुछ आधार है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित कई केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर धैर्य बरत रहे हैं. वहीं चीन अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रहा है.