डूबते पाकिस्तान को IMF का सहारा, क्या दूर हो पाएगी पाकिस्तान की कंगाली?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को तीन साल के लिए छह अरब डॉलर के के कर्ज की बुधवार को मंजूरी दी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को तीन साल के लिए छह अरब डॉलर के के कर्ज की बुधवार को मंजूरी दी. पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों की जीवन दशा को सुधारने के मकसद से यह कर्ज मंजूर किया गया है. इमरान खान की सरकार के पद संभालने के बाद बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2018 में आईएमएफ से संपर्क किया था. आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान की आर्थिक योजना को मदद देने के लिए तीन साल के लिए छह अरब डॉलर के कर्ज की मंजूरी दी है। यह कर्ज देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने और जीवन दशा को बेहतर करने के मकसद से दिया गया है.
आईएमएफ का कहना है कि उसके आर्थिक सुधार कार्यक्रम का उद्देश्य पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थायी और संतुलित विकास और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के रास्ते पर लाना है. उन्होंने कहा कि इस कर्ज का मकसद सरकारी खर्च में कमी लाना और सामाजिक खर्च में बढ़ोतरी है. इसके तरह पाकिस्तान को तत्काल 1 अरब अमेरिकी डॉलर जारी कर दिए गए हैं.
पाकिस्तान हर कुछ साल पर आर्थिक संकट में फंसता रहता है, लेकिन विदेश से मिलने वाली सहायता के भरोसे उसका वजूद बचा हुआ है. विशेषज्ञों के मुताबिक 'पाकिस्तान का संकट सिर्फ वित्तीय नहीं बल्कि सिस्टेमिक और स्ट्रक्चरल संकट है यानी इससे उसके अस्थिर होने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में राहत पैकेज भले ही उसे अभी संकट से उबार लें, लेकिन इससे आने वाले संकट की जमीन तैयार होगी, जिसे संभालना और मुश्किल होगा.'