गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुसीबत और बढ़ गई है. पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में राहत पैकेज के लिए हुए समझौते की खबरों के बीच अमेरिका (USA) ने जोर दिया है कि पाकिस्तान को 'सशर्त' वित्तीय मदद दी जाए. अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल चीन से लिए गए कर्ज को चुकाने में कर सकता है. यदि आईएमएफ पैकेज पर कोई अड़चन आई तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किल बहुत बढ़ जाएगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाकिस्तान ने पिछले महीने 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए आईएमएफ के साथ समझौता किया था. पाकिस्तान का कहना है कि इस राशि का उपयोग वह अपने वित्तीय संकट को दूर करने और धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में करेगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अमेरिका ने आईएमएफ सहित वैश्विक ऋणदाताओं को आगाह किया है कि पाकिस्तान वित्तीय मदद का उपयोग चीन से लिए कर्ज को चुकाने में कर सकता है. अमेरिकी के विदेश विभाग की वरिष्ठ अधिकारी (दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों) एलिस जी वेल्स ने कहा, 'सशर्त पैकेज को लेकर चर्चा है. हमें लगता है कि पाकिस्तान के लिए सशर्त आईएमएफ पैकेज उपयुक्त होगा.'

उन्होंने पिछले हफ्ते विदेश मामलों की उपसमिति को बताया था, 'अमेरिका को आईएमएफ पैकेज के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार एक समझौते पर पहुंचे हैं.' उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इसे लेकर हमने अपनी सख्त प्रतिक्रिया दी है. 

वेल्स ने डॉ शकील अफरीदी की रिहाई तक पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज में बाधा पहुंचाने की कोशिश की खबरों को खारिज कर दिया. शकील अफरीदी ओसामा बिन लादेन को ढूंढने में अमेरिकी एजेंसी सीआईए की मदद करने के आरोप में जेल में हैं. उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि अफरीदी की गिरफ्तारी गलत और अनुचित है. संसद की मदद से हमने पहले ही पाकिस्तान की 30 करोड़ डॉलर की सहायता रोक दी है.'