US Fed Rate Hike: US फेड ने ब्याज दरें फिर 0.75% बढ़ाई, चेयरमैन पॉवेल का फिलहाल आर्थिक सुस्ती से इनकार
US Fed Rate Hike: फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने फिलहाल आर्थिक सुस्ती की आशंका से इनकार किया है. वहीं, यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी बाजारों में तेजी देखने को मिली है.
US Fed Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed) ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा किया है. यूएस फेड ने महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार दूसरी बार अपनी पॉलिसी को सख्त करते हुए ब्याज दरों में इजाफा किया है. अमेरिका में अब ब्याज दरें बढ़कर 2.50 फीसदी तक हो गई हैं. इससे पहले, जून 2022 में भी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. अमेरिका में महंगाई दर 1980 के बाद से सबसे ज्यादा हैं. इस इजाफे के बाद अमेरिका में मंदी की आहट सुनाई देना तय माना जा रहा है. हालांकि, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने फिलहाल आर्थिक सुस्ती की आशंका से इनकार किया है. वहीं, यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी बाजारों में तेजी देखने को मिली है. यूएस फेड ने साफ तौर पर कहा है कि महंगाई काबू में नहीं आने पर ब्याज दरों में फिर इजाफा किया जा सकता है.
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने कहा कि महंगाई उच्च स्तर पर बनी हुई है. इससे साफ है कि महामारी के चलते सप्लाई-डिमांड में असंतुलन बना हुआ है. फूड और एनर्जी के भाव हाई लेवल पर हैं और कीमतों पर दबाव बना हुआ है. इसके चलते फेडरल रिजर्व ने बेंचमार्क दर बढ़ाकर 2.25-2.50 फीसदी तक कर दिया है, जो पहले 1.5-1.75 फीसदी तक थी. यूएस फेड के सामने महंगाई सबसे बड़ी समस्या है. केंद्रीय बैंक ने साफ कहा कि वो महंगाई दर को 2 फीसदी पर लाने के लिए कड़े कदम उठाएगा.
शेयर बाजारों में तेजी
फेड पॉलिसी की कमेंट्री के बाद US में बड़ा उछाल आया है. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज 1.5 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली. जबकि डाउजोंस 440 अंक और नैस्डैक 4 फीसदी उछला है.
बता दें कि यूएस में महंगाई पर काबू पाने के लिए मार्च से लेकर अब तक यूएस फेड ब्याज दरों में 225 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर चुका है. मांग-सप्लाई में असंतुलन के चलते महंगाई दर ज्यादा रहने की संभावना है. 2022 के अंत तक ब्याज दर बढ़कर 3.4 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, 2023 के अंत तक ब्याज दर बढ़कर 3.8 फीसदी रहने का अनुमान है.