चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर और तेज हो गया है. चीन ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए अमेरिकन सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी है.

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चीन ने 60 अरब डॉलर मूल्य की अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है. चीन ने यह कदम वाशिंगटन द्वारा 200 अरब मूल्य की चीनी वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने का प्रतिकार करते हुए उठाया है. 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में चीन के कस्टम्स टैरिफ कमीशन ऑफ स्टेट काउंसिल के हवाले से कहा गया कि बीजिंग ने 60 अरब डॉलर मूल्य की अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क पांच फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है. 

चीन ने शुक्रवार को कुछ विदेशी कंपनियों और लोगों को देश के हितों के लिए खतरनाक मानते हुए उन्हें काली सूची में डालने की योजना की घोषणा की. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि उसने एकपक्षवाद और व्यापार संरक्षणवाद पर लगाम लगाने के लिए अवांछित कंपनियों की सूची बनाने का फैसला लिया है.

भारत के लिए जीएसपी समाप्त करने की घोषणा

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार के मसलों पर अपना सख्त रुख अख्तियार करते हुए जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) के तहत भारत के लिए 5.6 अरब डॉलर की व्यापार रियायत पांच जून से समाप्त करने का फैसला किया है. 

गौरतलब है कि इस महीने के आखिर में जापान में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात से पहले अमेरिका ने भारत के लिए जीएसपी रद्द किया है. ट्रंप का मकसद अमेरिका के भारी व्यापार घाटे को समाप्त करना है. इसलिए उन्होंने चीन के साथ व्यापार जंग के साथ-साथ कई देशों से अमेरिका में आयात होने वाली वस्तुओं पर शुल्क लगाया है.

भारत के साथ-साथ तुर्की की भी जीएसपी के तहत व्यापार रियायत समाप्त कर दी गई है. जीएसपी कार्यक्रम के दायरे में 1975 में आया भारत इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका में सबसे बड़ा लाभार्थी है. हालांकि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के अनुसार, 2017 में कुल निर्यात का मूल्य 76.7 अरब डॉलर था, जिसका जीएसपी निर्यात 5.6 अरब डॉलर एक छोटा-सा हिस्सा है. भारत और अमेरिका के बीच 2017 में 126.2 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें अमेरिका का व्यापार घाटा 27.3 अरब डॉलर था. 

(इनपुट आईएएनएस से)