केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने जर्मनी के मैसे फ्रैंकफर्ट में आयोजित हेमटेक्सटाइल 2025 में भारत मंडप का उद्घाटन किया. इस आयोजन में भारत की उपस्थिति कपड़ा उद्योग जगत में देश की निरंतर बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन कर रही है. इस प्रतिष्ठित वैश्विक होम टेक्सटाइल मेले में सबसे बड़े भागीदार देश के साथ, भारत ने नवाचार, स्थिरता और वैश्विक साझेदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता का भी प्रदर्शन किया.

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इस अवसर पर वैश्विक घरेलू वस्त्र निर्यातकों, आयातकों और निर्माताओं को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने भारत की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता और सतत विकास हासिल करने के लिए सहयोग की आवश्यकता का उल्लेख किया. केन्द्रीय मंत्री ने सभी भागीदार देशों को भारत टेक्स 2025 में भाग लेने और भारत के संपन्न कपड़ा इकोसिस्टम में निवेश के अवसरों की जानकारी लेने के लिए आमंत्रित किया.

कपड़ा और मशीनरी निर्माताओं के साथ निवेशकों की बैठक के दौरान मंत्री महोदय ने पिछले 10 वर्षों में भारत की विकास गाथा और बढ़ते एफडीआई की जानकारी देते हुए इस बात पर जोर दिया कि 'मेक इन इंडिया' पहल एक सिद्ध रणनीति है जो भारत को एक प्रतिस्पर्धी विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने में सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने निवेशकों को बढ़ते अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ यह सलाह  भी दी कि भारत के बाजार से बाहर रहने से उनसे कुछ छूट जाने का डर हो सकता है. वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, 'आओ और भारत में निवेश करो- मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड'.

हेमटेक्सटाइल के दौरान मंत्री महोदय ने जर्मनी के मशीनरी और उपकरण निर्माता संघ और आईवीजीटी प्रमुखों से भी भेंट की. उन्होंने भारत के कपड़ा क्षेत्र के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत सबसे बड़े कपड़ा मशीनरी खरीदारों में से एक है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर जर्मन निर्माता भारत में निवेश करते हैं और मशीनरी का उत्पादन करते हैं तो यह दोनों पक्षों के लिए लाभ की स्थिति होगी. भारत में पहले से ही जर्मन के कई उद्यमियों के लाभ हासिल करने के मामले में जर्मन के एक सिलाई धागा निर्माता की सफलता का उदाहरण देते हुए उन्होंने अन्य मशीनरी निर्माताओं को भारतीय बाजार में अपने निवेश की तलाश करने और उसका विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया.

सरकार, भारतीय निर्यातकों को हेमटेक्सटाइल जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने के लिए सक्रिय रूप से समर्थन देती है, जिससे उनकी वैश्विक दृश्यता बढ़ती है और प्रतिस्पर्धी बाजारों में उनकी वृद्धि को बढ़ावा मिलता है.

अपने दौरे के दौरान, मंत्री महोदय ने प्रदर्शनी में विभिन्न स्टॉलों का दौरा किया, तथा प्रदर्शकों से वार्तालाप करते हुए होम टेक्सटाइल में उनकी नवीनतम पेशकशों और नवाचारों के बारे में जानकारी ली. भारतीय निर्यातकों के शिल्प कौशल ने इस क्षेत्र की वैश्विक आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

यह कार्यक्रम उद्योग जगत प्रमुखों और निर्यातकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी का साक्षी बना और यह कपड़ा उद्योग में वैश्विक अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.

केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वस्त्र मंत्रालय के अपर सचिव श्री रोहित कंसल, जर्मनी में भारत के महावाणिज्यदूत और मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे. उद्घाटन के दौरान पांच निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) और जूट बोर्ड के प्रतिनिधि भी उपस्थि रहे जिन्होंने विविध प्रकार के उत्पादों का प्रदर्शन किया.