UK New PM Liz Truss: कंजरवेटिव पार्टी की लीडर और ब्रिटेन की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) उन सीनियर ब्रिटिश राजनेताओं में से एक हैं, जिन्हें भारत-ब्रिटेन के स्ट्रैटजिक और इकोनॉमिक रिश्तों को गहरा करने के लिए जाना जाता है. ट्रस को ग्लोबल ट्रेड डायनामिक्स का एक 'स्वीट स्पॉट' माना जा सकता है. बता दें कि लिज़ ट्रस ने ही पिछले साल मई में बोरिस जॉनसन की सरकार में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव के रूप में भारत-यूके एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप (ETP) पर हस्ताक्षर किया था, जिसने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता को शुरू किया. इसके अलावा कई मुद्दों पर ट्रस ने भारत को व्यापार के लिए एक बड़ा अवसर बताया है.

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ब्रिटने की तीसरी महिला प्रधानमंत्री के तौर पर चुनी गई 47 वर्षीय लिज़ ट्रस ने सीनियर कैबिनेट मंत्री के तौर पर भारत का दौरा किया था और भारत के कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के साथ एक वर्चुअल बैठक की. इस दौरान उन्होंने भारत को एक बड़े अवसर के रूप में बताया.

ईटीपी पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद ट्रस ने कहा था, "मैं यूके और भारत को ट्रेड डायनामिक्स के एक स्वीट स्पॉट पर देखती हूं जो कि निर्माण कर रहा है."

भारत में भारी संभावना

उन्होंने कहा कि हम एक व्यापक ट्रेड एग्रीमेंट पर विचार कर रहे हैं, जिसमें फाइनेंशियल सर्विसेज से लेकर कानूनी सेवाओं, डिजिटल और डेटा के साथ ही माल और एग्रीकल्चर सब कुछ शामिल है. हमें लगता है कि हमारे लिए एक प्रारंभिक समझौता होने की प्रबल संभावना है, जहां हम टैरिफ कम कर सकते हैं दोनों पक्षों और हमारे दोनों देशों के बीच अधिक व्यापार होते हुए देख सकते हैं.

विदेश सचिव के रूप में अपनी पदोन्नति पर, ट्रस ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (DIT) में ऐनी मैरी-ट्रेवेलियन (Anne Marie-Trevelyan) को बैटन सौंप दिया, जिनसे व्यापक रूप से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव के रूप में अपनी भूमिका जारी रखने और यूके-भारत एफटीए वार्ता को आगे बढ़ाने की उम्मीद की जाती है. 

भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्तों की हिमायती

हाल ही में पूर्व चांसलर ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के साथ टोरी लीडर चुने जाने की अपनी प्रतियोगिता के दौरान भी ट्रस ने पार्टी के कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (CFIN) डायस्पोरा समूह के एक आयोजन में कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए बहुत ही ज्यादा प्रतिबद्ध हैं.

भारत के साथ FTA को समय से पूरा करने के लिए भी वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने इसे पिछली बोरिस जॉनसन सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा यानी दीवाली तक पूरा करने के लिए खुद को प्रतिबद्धित किया है.

रूस-चीन को लेकर सख्त रुख

रूस और चीन की अक्रामकता को संतुलन में रखने के रूप में स्वतंत्रता लक्ष्यों के अपने नेटवर्क को पूरा करने के लिए भारत-पैसेफिक क्षेत्र के साथ डिफेंस और सिक्योरिटी सहयोग को बार-बार हरी झंडी दिखाई है.

इस साल की शुरुआत में एक प्रमुख विदेश नीति भाषण में उन्होंने कहा कि रूस और चीन अधिक से अधिक एक साथ काम कर रहे हैं, क्योंकि वे कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence) जैसी टेक्नोलॉजी में स्टैंडर्ड को स्थापित करने का प्रयास करते है. चीन और रूस ने एक वैचारिक शून्य देखा है और वे इसे भरने के लिए दौड़ रहे हैं. उन्होंने कहा की फ्रीडम लविंग डेमोक्रेसी के रूप में हमें इनस खतरों का सामना करने के लिए उठना चाहिए. जैसा कि नाटो के साथ-साथ हम ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, इंडोनेशिया और इज़राइल जैसे भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं ताकि स्वतंत्रता के वैश्विक नेटवर्क का निर्माण किया जा सके.

विदेश सचिव के रूप में ट्रस रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूके का रिस्पान्स देने में सबसे आगे रही हैं, जिसके अंतर्गत रूस के खिलाफ ब्रिटेन में कड़े प्रतिबंध लगाए गए है और रूसी संपत्तियों पर नकेल कसी गई है.