ब्रिटेन ने वर्क वीजा नियमों किया बदलाव, भारतीय छात्रों को होगा फायदा
ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या को बढ़ावा देने की पुरानी मांग का समाधान करने के प्रयास के तहत ब्रिटेन की सरकार ने सभी इंटरनेशनल छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद 2 साल के कार्य वीजा जारी करने की घोषणा की है.
ब्रिटेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए बड़ी खबर है कि ब्रिटेन ने अपने यहां पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद की नई वर्क वीजा पॉलिसी का ऐलान किया है. ब्रिटेन ने यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे विदेशी छात्रों के लिए वर्क वीजा की समय अवधि 2 साल के लिए बढ़ा दी है.
ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या को बढ़ावा देने की पुरानी मांग का समाधान करने के प्रयास के तहत ब्रिटेन की सरकार ने सभी इंटरनेशनल छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद 2 साल के कार्य वीजा जारी करने की घोषणा की है. नई ‘स्नातक’ योजना अगले वर्ष शुरू होगी और यह सभी विदेशी छात्रों के लिए होगी जिनके पास छात्र के तौर पर ब्रिटेन का वैध आव्रजन दर्जा है और जिसने सरकार से मंजूरी प्राप्त ब्रिटेन के किसी उच्च शिक्षण संस्थान से स्नातक स्तर या इससे अधिक के लिए सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा किया है.
वीजा के तहत योग्य छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद दो वर्षों के लिए काम करने या अपने पसंद के किसी कॅरियर की खोज करने की अनुमति होगी.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बारे में नीति की फिर से प्रभावी शुरुआत करने के बाद कहा कि बदलाव से छात्रों को ब्रिटेन में अपना कॅरियर शुरू करने के लिए अपनी क्षमताओं को खंगालने का अवसर मिलेगा. जॉनसन की कैबिनेट में वरिष्ठ सदस्य भारतीय मूल की ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा, कि नई स्नातक योजना का अर्थ है कि प्रतिभाशाली अंतरराष्ट्रीय छात्र ब्रिटेन में पढ़ सकेंगे और अपना सफल कॅरियर बनाने के दौरान उन्हें बहुमूल्य कार्य अनुभव हासिल होगा.
ब्रिटेन ने पूर्व प्रधानमंत्री टेरेसा मे के गृह मंत्री रहने के दौरान 2012 में पढ़ाई बाद दो वर्ष के कार्य वीजा पेशकश को खत्म किया था जिसके बाद भारत जैसे देशों से छात्रों की संख्या में काफी कमी आई.