Turkey Syria Earthquake Death Toll: तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 24 हजार के पार, लाखों लोग हुए बेघर
Turkey Syria Earthquake Death Toll: सोमवार, 6 फरवरी को तड़के तुर्की और सीरिया में आए 7.8 की तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. शनिवार को तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वाले लोगों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच गई.
Turkey Syria Earthquake Death Toll: सोमवार, 6 फरवरी को तड़के तुर्की और सीरिया में आए 7.8 की तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. शनिवार को तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वाले लोगों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच गई. तुर्की में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार को भी पार कर चुका है तो सीरिया में भूकंप की वजह से 3500 से भी ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुए नुकसान के कारण लाखों लोग बेघर हो गए हैं. भूकंप पीड़ित खाने-पीने की चीजों की भी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं.
तुर्की में 93 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया
तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (AFAD) ने कहा है कि देश में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20,665 हो गई है. एएफएडी ने बताया कि दक्षिणी तुर्की में भूकंप प्रभावित इलाकों से करीब 93,000 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. उन्होंने कहा कि बचाव और राहत कार्यों में 1,66,000 से ज्यादा लोग शामिल हैं.
सीरिया में 53 लाख लोग बेघर हुए
दूसरी तरफ, सीरिया में भूकंप की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या 3,500 के आंकड़े को पार कर चुकी है. संयुक्त राष्ट्र की मानें तो भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया में कम से कम 8,70,000 लोगों को तत्काल भोजन की आवश्यकता थी. भूकंप की वजह से सिर्फ सीरिया में करीब 53 लाख लोग बेघर हो गए.
तुर्की में 8326 विदेशी बचाव कर्मी दिन-रात कर रहे हैं काम
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने बताया कि देश में भूकंप के बाद दुनियाभर के 99 देशों ने उन्हें मदद की पेशकश की है. फिलहाल, तुर्की में 68 देश राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. इसके अलावा 13 अन्य देश तुर्की में राहत और बचाव कार्यों के लिए अपनी टीमें भेज सकते हैं. सरकारी बयान के मुताबिक तुर्की में 8326 विदेशी बचाव कर्मी मलबे में दबे लोगों को जिंदा बचाने की कोशिशों में दिन-रात काम कर रहे हैं.