चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा है कि अमेरिका और चीन के राजदूतों ने व्यापार युद्ध (Trade War) को खत्म करने के लिए चल रही बातचीत में निर्यात बढ़ाने हेतु "मुद्रा अवमूल्यन" का सहारा लेने से बचने के वादों पर अमल के बारे में चर्चा की है. लेकिन गवर्नर यी गैंग ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिए हैं कि दोनों पक्ष जी-20 समूह देशों की बैठक में इस बारे में घोषित प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़कर किसी और बात पर सहमत हुए हैं. यी ने चीन के विधायी समारोह की वार्षिक बैठक के दौरान संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिछले दिनों अमेरिका में, चीन के उप-प्रधानमंत्री लियू हे की अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर और वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन के साथ हुई बातचीत में यी भी शामिल थे.

यी ने कहा, "हमने इस बात पर चर्चा की कि दोनों पक्षों को पिछले जी -20 शिखर सम्मेलन में जताई प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए. इनमें प्रतिस्पर्धा को कम करना (प्रतिस्पर्धा अवमूल्यन) और प्रतिस्पर्धा उद्देश्यों के लिए विनिमय दर का उपयोग करने से बचना शामिल है." 

उन्होंने कहा कि वार्ताकारों ने इस बात पर भी विचार - विमर्श किया कि "कैसे अपनी मौद्रिक नीति पर फैसले करते समय एक-दूसरे के मौद्रिक प्राधिकरणों के हितों का सम्मान" किया जा सकता है. 

चीन पर आरोप है कि वह निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपनी मुद्रा युआन की विनिमय दर को कृत्रिम रूप से नीचे बनाए रखता है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने चीन पर दबाव डाला है कि युआन की विनिमय दर को बाजार कारकों पर छोड़ दिया जाए पर अमेरिका चीन को मुद्रा में हेरफेर करने वाले घोषित करने से बच रहा है.