SVB Crisis: पिछले कुछ हफ्तों से सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक डूब गया. अमेरिका में क्राइसिस की आग उठने के बाद लपटें यूरोप तक पहुंची और ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती की चर्चा होने लगी. फाइनेंशियल क्राइसिस का डर अभी भी बना हुआ है. पूरी दुनिया में फाइनेंशियल और बैंकिंग सेक्टर पर दबाव देखा जा रहा है. सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस के कारण दुनियाभर के बैंकों के 400 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए. यह पाकिस्तान की इकोनॉमी से भी ज्यादा है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में पाकिस्तान का GDP 348 बिलियन डॉलर रहा था.

बैंक ऑफ अमेरिका के सबसे ज्यादा डूबे

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वैल्यु रिसर्च स्टॉक एडवाइजर की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ अमेरिका पर इस क्राइसिस का सबसे ज्यादा असर हुआ. 10 मार्च 2023 को SVB के डूबने की खबर आई. 9 मार्च को बैंक ऑफ अमेरिका का मार्केट कैप 244 बिलियन डॉलर था. 23 मार्च तक के डेटा के मुताबिक, यह घटकर 216 बिलियन डॉलर पर आ गया. इस तरह मार्केट कैप का नुकसान 29 बिलियन डॉलर का रहा. 

अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था SVB

सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका में वेंचर कैपिटलिस्ट बैकिंग वाले आधे स्टार्ट-अप को फंडिंग कर रहा था. यह अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था. इसके डूबने का असर अमेरिकी बैंकों पर सबसे ज्यादा रहा. रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ अमेरिका के बाद Wells Fargo, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक,  Truist Financial, यूएस बैनकॉर्प, जेपी मॉर्गन चेस, सिटी ग्रुप को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.

दुनियाभर के बैंकों पर क्या असर हुआ?

ग्लोबल असर की बात करें तो पहले नंबर पर इंग्लैंड का HSBC होल्डिंग आता है. उसके बाद जापान का Mitsubishi UFJ Financial Group, फ्रांस का BNP Paribas,, कनाडा के टोरंटो डोमिनियन बैंक का नंबर आता है. 9 मार्च से 23 मार्च के बीच दुनिया भर के बैंकों के मार्केट कैप में 408 बिलियन डॉलर की गिरावट आई.

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