Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध से बढ़ सकती है सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत, मूडीज ने जताई आशंका
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत बढ़ सकती है. कोरोना के कारण पहले से ही चिप की किल्लत थी.
Russia Ukraine War: सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत कोरोना महामारी के चलते पहले से ही देखने मिल रही थी, लेकिन हाल ही में मूडीज एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट्स में ये आशंका जताई गई है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी इस युद्ध से खतरा और बढ़ सकता है. रूस और यूक्रेन दोनों ही देश बड़ी मात्रा में चिप के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराते हैं. पैलेडियम और नियॉन दोनों का ही उपयोग चिप बनाने के लिए कच्चे माल की तरह किया जाता है जिसमें से दुनिया भर में पैलेडियम 44% रूस से और 70% नियॉन यूक्रेन से आता है. इस चिप का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन और कांसुमेर इलेक्ट्रॉनिक जैसे अन्य सामानों के निर्माण में किया जाता है. मूडीज की रिपोर्ट ने दोनों देशों के बीच युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर चिप की किल्लत बढ़ने की संभावना जताई है.
पहले भी बन चुकी है ये स्थिति
आज से करीब सात- आठ साल पहले भी साल 2014-15 में रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के माहौल में नियॉन के दाम कई गुना ज्यादा बढ़ गए थे. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी दोनों देशों के बीच जारी जंग का सीधा असर सेमीकंडक्टर चिप के दामों और और प्रोडक्शन पर देखने मिल सकता है. ऐसे में अगर जल्द ही स्थिति सामान्य नहीं होती तो सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
क्या होगा असर
चिप का उपयोग मोबाइल फोन में किया जाता है, ऐसे में अगर चिप की किल्लत होती है तो बाजार में इसकी उपलब्धता और लॉन्च होने वाले नए मॉडल पर भी असर पड़ेगा. साथ ही ये महंगे हो सकते हैं.
सेमीकंडक्टर चिप का यूज गाड़ियों में भी होता है. इसका असर ऑटो मोबाइल सेक्टर पर भी पड़ सकता है. अगर चिप की किल्लत के चलते भाव बढ़ते हैं तो ऑटो मोबाइल के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में भी सेमी कंडक्टर चिप का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में चिप की कमी से इसकी कीमतों पर असर पड़ सकता है.