यूक्रेन पर रूस के अटैक (Russia-Ukraine War) के जवाब में रूसी अर्थव्यवस्था पर शिकंजा कसने के मकसद से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US president Joe Biden) ने रूसी तेल सहित दूसरी इनर्जी (gas, oil and energy) के इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. राष्ट्रपति बाइडेन ने मंगलवार को इसकी घोषणा कर दी. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से कई बार रूसी इम्पोर्ट में कटौती का अनुरोध किया था, जिसके बाद अमेरिका ने यह कदम उठाने का फैसला किया है. उधर, बाइडेन की घोषणा के कुछ देर बाद ही, ब्रिटेन (UK) ने भी रूसी तेल के इम्पोर्ट पर बैन लगाने की घोषणा कर दी. प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने इस बारे में ट्वीट किया. 

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ऐलान के पीछे रूस पर दबाव बनाना है मकसद

खबर के मुताबिक, रूस के वित्तीय क्षेत्रों पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने के बावजूद ऊर्जा निर्यात के जरिए रूस के पास नकदी का प्रवाह जारी है. उल्लेखनीय है कि यूरोपीय देश काफी हद तक ऊर्जा आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर हैं. यूरोप अपनी खपत की करीब एक-तिहाई प्राकृतिक गैस रूस से लेता है. बाइडेन के इस ऐलान के पीछे रूस पर दबाव बनाना है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम इस बैन के साथ आगे बढ़ रहे हैं, यह समझते हुए कि हमारे कई यूरोपीय सहयोगी और भागीदार हमारे साथ शामिल होने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं.

रूस की अर्थव्यवस्था को जोरदार नुकसान पहुंचा रहा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने आगे कहा कि हम इतिहास में आर्थिक प्रतिबंधों के सबसे महत्वपूर्ण पैकेज को लागू कर रहे हैं, और यह रूस की अर्थव्यवस्था को जोरदार नुकसान पहुंचा रहा है. बाइडेन ने कहा कि हमने बैन लगाने का फैसला अपने सभी सहयोगी और विशेषज्ञों खासकर यूरोपीय सहयोगियों से सलाह-मशवरा के बाद लिया है. रूसी तेल अब अमेरिकी बंदरगाहों पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.

खबर यह भी है कि यूरोपीय संघ के सांसद रूसियों के लिए नए 'गोल्डन पासपोर्ट' वीजा पर प्रतिबंध लगाने पर भी जोर देंगे.  इधर, रूस ने विदेशी स्वामित्व वाली फैक्ट्रियों का राष्ट्रीयकरण करने का प्रस्ताव रखा है जिनका परिचालन बंद है.

ब्रिटेन ने किया ऐलान

बाइडेन की घोषणा के तुरंत बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन की तरफ से भी रूसी तेल पर निर्भरता को खत्म करने का ऐलान कर दिया गया. इसमें कहा गया कि यूक्रेन के अवैध आक्रमण के बाद पुतिन शासन को एक और आर्थिक झटका लगेगा, क्योंकि ब्रिटेन इस पूरे साल रूसी तेल पर निर्भरता से दूर हो जाएगा.

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