Red Sea: लाल सागर मामले ने बढ़ाई भारत की चिंता, आज होगी मंत्री समूह की अहम बैठक
लाल सागर मामले को लेकर भारत सरकार भी चिंतित है. हूती विद्रोह और अमेरिकी कार्रवाई के कारण रास्ता बदलने से सप्लाई में 14 दिनों की देरी और खर्च भी बढ़ा है. लाल सागर में व्यवधान के लंबा खिंचने पर सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है क्योंकि इस मार्ग से हम निर्यात के साथ आयात भी करते हैं.
Red Sea: बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य (Bab-el-Mandeb Strait) इलाके से गुजरने वाले व्यापारिक जहाज हूती विद्रोहियों के निशाने पर हैं.यह लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ता है, वैश्विक व्यापार के इस महत्वपूर्ण रास्ते को सुरक्षित बनाने के उपायों और अल्टरनेट रास्तों पर सरकार चिंतित है. दरअसल हूती विद्रोह और अमेरिकी कार्रवाई के कारण रास्ता बदलने से सप्लाई में 14 दिनों की देरी और खर्च भी बढ़ा है.
इन स्थितियों को लेकर सरकार भी चिंतित है. आज इस मामले पर मंत्री समूह की अहम बैठक होनी है. इस बैठक के दौरान सुरक्षित और निर्बाध व्यापार के तरीकों पर विचार किया जाएगा. साथ ही व्यापार के भावी रास्तों पर मंथन किया जाएगा. इस बैठक में विदेश, रक्षा, शिपिंग और वित्त मंत्रालय शामिल होंगे.
माल ढुलाई और बीमा लागत बढ़ी
बता दें कि हूती विद्रोहियों की सक्रियता और व्यापारिक जहाजों पर हमलों के कारण शिपिंग मार्ग पर संकट मंडरा रहा है. व्यापारिक नावों की सुरक्षा के मद्देनजर अब केप ऑफ गुड होप (Cape of Good Hope) का रूख करना पड़ रहा है. इसके चलते परिवहन लागत के साथ-साथ सप्लाई में लगने वाला समय भी बढ़ा है. साथ ही लगभग 14 दिनों की देरी के कारण माल ढुलाई और बीमा लागत बढ़ने की भी बात सामने आयी है.
एशिया-यूरोप का सबसे तेज जल मार्ग है लाल सागर
लाल सागर एशिया-यूरोप का सबसे तेज जल मार्ग है. लेकिन पिछले कुछ वक्त से समुद्र में जहाज अगवा होने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. हमले के बाद जहाज लाल सागर जाना नहीं चाह रहे हैं. माना जा रहा है कि लाल सागर में व्यवधान के लंबा खिंचने पर सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है क्योंकि इस मार्ग से हम निर्यात के साथ आयात भी करते हैं. हालांकि इस मामले में शनिवार को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अभी तक लाल सागर में व्यवधान का हमारे व्यापार पर इतना असर नहीं हुआ है और हम इस मामले को लेकर लगातार चर्चा कर रहे हैं. इसी सिलसिले में आज बैठक की जा रही है.
अमेरिका ने हूती ठिकानों को बनाया निशाना
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के आतंक को देखते हुए अमेरिकी सेना ने भी एक बार फिर से हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया है. अमेरिका ने मंगलवार को यमन स्थित हूती के ठिकानों पर हमला किया और उन बैलिस्टिक मिसाइलों को तबाह कर दिया जिन्हें हूती विद्रोहियों द्वारा तबाह कर दिया जाना था. अमेरिकी सेना ने हूती विद्रोहियों की चार एंटी-शिप मिसाइलों पर हमला किया है. बता दें कि इससे पहले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में ग्रीक स्वामित्व वाले जहाज पर हमला किया था.