दुनिया भर की सैर करने वाली Queen Elizabeth के पास नहीं था खुद का पासपोर्ट, जानें इसकी दिलचस्प वजह
क्या आपको पता है कि क्वीन के पास अपना कोई पासपोर्ट नहीं था? जी हां, क्वीन दुनियाभर में बिना पासपोर्ट के ट्रैवल कर सकती थीं. royal.uk साइट पर पासपोर्ट का एक अलग सेक्शन है. इस पेज पर बताया गया है कि क्यों क्वीन एलिजाबेथ को पासपोर्ट की जरूरत नहीं थी.
क्वीन एलिजाबेथ II या महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया. उनकी जगह अब उनके बेटे प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स, राजा बन गए हैं. क्वीन एलिजाबेथ ब्रिटेन में 70 सालों तक गद्दी पर बनी रहने वाली पहली शासक थीं. इन 70 सालों में उन्होंने ब्रिटेन और पूरी दुनिया का नक्शा बदलते देखा. साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़े-बड़े बदलाव देखे. वो 1952 में गद्दी संभालने के बाद से ब्रिटेन समेत लगभग एक दर्जन देशों की मोनार्क रही हैं. बहुत से ऐसे देश हैं जो ब्रिटिश मोनार्क के नाम पर चलते हैं.
महारानी एलिजाबेथ ने अपने 96 साल की जिंदगी में दुनिया की खूब सैर भी की. सत्ता संभालने के बाद से उन्हें ब्रिटिश रॉयल फैमिली के मुखिया के तौर पर अपनी ड्यूटी निभाने के लिए कई यात्राओं पर जाना पड़ता था.
लेकिन क्या आपको पता है कि क्वीन के पास अपना कोई पासपोर्ट नहीं था? जी हां, क्वीन दुनियाभर में बिना पासपोर्ट के ट्रैवल कर सकती थीं.
क्या कहती है ब्रिटिश रॉयल फैमिली की ऑफिशियल वेबसाइट?
royal.uk साइट पर पासपोर्ट का एक अलग सेक्शन है. इस पेज पर बताया गया है कि क्यों क्वीन एलिजाबेथ को पासपोर्ट की जरूरत नहीं थी. इसके मुताबिक,
"विदेश यात्रा के दौरान क्वीन को ब्रिटिश पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती है. चूंकि ब्रिटिश पासपोर्ट ही महारानी के नाम पर जारी किया जाता है, ऐसे में इसकी जरूरत नहीं रह जाती कि महारानी भी पासपोर्ट रखें. रॉयल फैमिली के हर सदस्य के पास अपना पासपोर्ट है, जिसमें ड्यूक ऑफ एडिनबरा और प्रिंस ऑफ वेल्स भी शामिल हैं."
यानी कि क्वीन के पास इसलिए अपना पासपोर्ट नहीं है क्योंकि ब्रिटिश पासपोर्ट ही उनके नाम पर जारी किया जाता है. इस बात का कोई तुक नहीं बनता कि वो अपने ही नाम से जारी किया हुआ पासपोर्ट रखें.
ब्रिटिश पासपोर्ट पर कैसा होता महारानी का प्रतिनिधित्व?
ब्रिटिश पासपोर्ट के पहले पेज पर रॉयल आर्म्स का लोगो लगा होता है, जिसके नीचे लिखा होता है-
"ब्रितानी महारानी के नाम पर विदेश सचिव यह अनुग्रह करते हैं कि इस पासपोर्टधारी को बिना किसी बाधा के आने-जाने दिया जाए और जरूरत पड़ने पर उसको मदद और सुरक्षा दी जाए."
ऐसे कॉमनवेल्थ देशों में जहां ब्रिटिश मोनॉर्क को मान्यता दी जाती है, वहां के पासपोर्ट पर भी ऐसा ही कुछ लिखा होता है. बस फर्क यह होता है कि यह रिक्वेस्ट उस देश के गवर्नर जनरल की ओर से दी जाती है और उसे क्वीन का प्रतिनिधि माना जाता है.