Queen Elizabeth: सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाली ब्रिटिश महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय नहीं रहीं. 21 अप्रैल 1926 को क्वीन एलिजाबेथ का जन्म हुआ था. एलिजाबेथ का पूरा नाम एलिजाबेथ अलेक्जेंड्रा मैरी विंडसर है. वह कई और देशों की महारानी थी जिनमें यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, संत लूसिया, संत विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज, एंटीगुआ, बारबूडा, संत किट्ट्स और नेविस की महारानी हैं. इसके अलावा वह राष्ट्रमंडल के 54 राष्ट्रों और राज्य क्षेत्रों की प्रमुख हैं. ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में वह अंग्रेजी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतंत्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी थीं.

ग्रीस के राजकुमार प्रिंस फिलिप से शादी 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप की शादी 20 नवंबर 1947 को वेस्टमिंस्टर एब्बे में हुई थी. फिलिप ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग, ग्रीस और डेनमार्क के पूर्व राजकुमार से शादी की. प्रिंस फिलिप का जन्म ग्रीस में हुआ था. शाही परिवार ने बड़ी धूमधाम से इसका जश्न मनाया था.शादी के करीब 5 साल बाद साल 1952 में प्रिंस फिलिप और प्रिंसेस एलिजाबेथ केन्या के दौरे पर थे. इसी दौरे पर 6 फरवरी को सब कुछ बदल गया. लंबे समय से बीमार चल रहे किंग जॉर्ज का निधन हो गया. एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की महारानी बनीं,  उन्हें को राष्ट्रमंडल की रानी घोषित किया गया था. इसके बाद 2 जून 1953 को उनका आधिकारिक रूप से राज्य अभिषेक किया गया. राज्याभिषेक के बाद एलिजाबेथ द्वितीय स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और सिलोन  की शासक रानी बनीं. 

जानें महारानी के बारे में अनोखी बातें...

1. 25 की उम्र में संभाला था शासन

महारानी एलिजाबेथ II के पिता की मौत  6 फरवरी 1952 को हो गई थी. उनके पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद ब्रिटेन का शासन महारानी ने संभाला. उस समय वह सिर्फ 25 साल थी. उन्होंने 70 साल तक उन्होंने शासन किया. इतिहास में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पहली महिला हैं.

2. रिपब्लिक डे पर भारत की शाही मेहमान बनीं

एलिजाबेथ-II 1961, 1983 और 1997 में वो भारत आईं थी. यहां वे शाही मेहमान बनी थीं। 1961 में भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल हुई थीं.

3. घर पर ही मिली थी शिक्षा

जब एलिजाबेथ छोटी थी तब राजघरानों के बच्चे स्कूल नहीं जाते थे.  इसलिए उनकी पढ़ाई घर पर हीं हुई. घर पर हीं उन्हें घुड़सवारी, तैराकी, डांस, संगीत की शिक्षा मिली.

4. एंबुलेंस और ट्रक चलाना भी सीखा

सेकंड वर्ल्ड वार के समय उन्होंने अपने माता-पिता से परमिशन लेकर एंबुलेंस और ट्रक चलाना भी सीखा ताकि लोगों की मदद कर सकें.

5.दूसरों की नकल उतारने में माहिर

एलिजाबेथ काफी चंचल और चुलबुली स्वभाव की थी. इसके साथ ही वे काफी मजाकिया भी थी. वे लोगों की नकल उतारने में माहिर थी.

6. 1992 से ही महारानी होते हुए भी दिया टैक्स

भले ही वे महारानी थी लेकिन उन्होंने कभी टैक्स देने से मना नहीं किया, साल 1992 से वे टैक्स दे रही थी.

7. प्यार से नाम मिला लिटिल लिलिबेट

एलिजाबेथ की मां और नानी उन्हें प्यार से लिटिल लिलिबेट कहती थीं.

8. एलिजाबेथ का जन्मदिन

एलिजाबेथ का जन्मदिन को लेकर काफी कन्फ्यूजन था.उनका जन्मदिन जून के पहले या तीसरे शनिवार को होता था. यह सरकार तय करती थी कि जन्मदिन कब मनाना है. ऑस्ट्रेलिया में उनका जन्मदिन जून के दूसरे सोमवार को मनाया जाता था. लेकिन कनाडा में उनका बर्थ-डे 24 मई को या उससे पहले सोमवार को मनाया जाता था.

9. कुत्तों से था काफी प्यार

महारानी को कुत्तों से काफी प्यार था. हर वक्त उनके साथ कुत्ते जरुर रहते थे.

10. सदियों पुराने ट्रेडिशन को ऐसे तोड़ा था

क्वीन एलिजाबेथ II ने अपनी पहली शाही यात्रा के दौरान  सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा था. उन्होंने जनता को दूर से वेव करने के बजाय करीब से ग्रीट किया था.इस दौरान वे सिडनी में लोगों के बीच से गुजरी थीं.