पाकिस्तान के आर्थिक हालत सुधारने के लिए इमरान सरकार अपनी ही आवाम की जेब पर बोझ बढ़ा रही है. पाकिस्तान में महंगाई पहले ही अपने चरम पर है. दूध से लेकर सब्जी और मटन के दामों में पहले ही सरकार इजाफा कर चुकी है. अब एक झटके में पेट्रोल-डीजल के दामों में भी बड़ी बढ़ोती की गई है. महंगाई और टैक्स के बोझ से परेशान पाकिस्तान की जनता पहले ही मुश्किलें में है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों इजाफे से उनको दोहरी चोट पहुंची है. 

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5 से ज्यादा बढ़े पेट्रोल के दाम

पाकिस्तान के अखबर डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम 5.15 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए गए हैं. वहीं, हाई स्पीड डीजल की कीमतें 5.65 रुपए प्रति लीटर बढ़ गई हैं. लाइट डीजल ऑयल की बात करें तो इसमें 8.9 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया गया है. इसके अलावा केरोसिन ऑयल के दाम भी 5.38 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं.

पाकिस्तान की ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (Ogra) ने पाकिस्तान सरकार के सामने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 10 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था. उसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

रेगुलेटर ने दिया था सुझाव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए पाकिस्तान की नियामक संस्था ने यह सुझाव दिया था. सरकार के राजस्व संग्रहण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों की समीक्षा की और फिर इसे बढ़ाने का ऐलान किया. 

क्या है पाकिस्तान में मौजूदा भाव

पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद अब पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम 112.68 से बढ़कर 117.83 प्रति लीटर पहुंच गए हैं. वहीं, हाई स्पीड डीजल भी 126.82 रुपए प्रति लीटर के बजाय 132.47 रुपए की दर से मिलेगा. वहीं, किरोसीन तेल भी 5 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 104 रुपए प्रति लीटर हो गया है.

क्रूड की बढ़ती कीमतें डालेंगी असर

पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) ने पिछले तीन महीनों में कच्चा तेल 65 डॉलर प्रति बैरल की कीमत में खरीदा है. 2019-20 के लिए, वर्ल्ड बैंक ने भविष्यवाणी की है कि कच्चे तेल की कीमतें 67 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती हैं. पेट्रोल और एचएसडी दो ऐसे बड़े उत्पाद हैं जिनसे सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है. क्योंकि, देश में इनकी खपत बढ़ती जा रही है. 

कितनी है पाकिस्तान में खपत

पाकिस्तान में पेट्रोल की हर महीने खपत करीब 7 लाख टन और एचएसडी की खपत 9 लाख टन है. केरोसीन और एलडीओ की खपत करीब 10 हजार टन प्रति महीना होती है. पाकिस्तान में पेट्रोलियम की कीमत साल 2017 से ही बढ़ती जा रही है.