Pakistan floods: कंगाल पाकिस्तान पर प्रकृति का कहर, बारिश और बाढ़ से 4.5 बिलियन डॉलर के नुकसान का अंदेशा
Pakistan floods: पाकिस्तान इस समय बाढ़ और भयंकर बारिश से जूझ रहा है. 1000 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है. देश की जीडीपी में 23 फीसदी का हिस्सा रखने वाले कृषि क्षेत्र के उत्पादन पर इसका गंभीर असर दिख रहा है.
Pakistan floods: पाकिस्तान इस समय फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजर रहा है. इस कठिन वक्त में उसपर प्रकृति भी कहर बनकर टूट पड़ा है. पाकिस्तान के कई इलाकों में असामान्य रूप से भारी बारिश (Rains in Pakistan) होने और उसकी वजह से कई इलाकों में भीषण बाढ़ आने से चालू वित्त वर्ष में चार बिलियन डॉलर से अधिक की आर्थिक क्षति होने का अनुमान है. भारी बारिश और बाढ़ का प्रकोप अभी जारी रहने से अर्थव्यवस्था को पहुंचे वास्तविक नुकसान का पूरी तरह अंदाजा लगा पाना मुमकिन नहीं है. लेकिन पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23 फीसदी का अंशदान रखने वाले कृषि क्षेत्र के उत्पादन पर इसका गहरा असर पड़ना लाजिमी माना जा रहा है.
अब तक 1000 लोगों की मौत
पाकिस्तानी न्यूज पेपर 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हुए हादसों में करीब 1,000 लोगों की मौत हो चुकी है और करोड़ों रुपए का साजो-सामान नष्ट हो चुका है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सरकार को कई हिस्सों में आपात-स्थिति का ऐलान भी करना पड़ा है.
4.4 बिलियन डॉलर का हो सकता है नुकसान
इस न्यूज पेपर ने जेएस ग्लोबल रिसर्च की एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमारे शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, सरकार की तरफ से कुछ खास कदम नहीं उठाए गए तो बाढ़ और बारिश से चालू खाते का घाटा 4.4 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है जो जीडीपी का एक फीसदी होगा.’’
2.6 बिलियन डॉलर मूल्य का कपास आयात करना पड़ सकता है
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को मजबूरी में 2.6 बिलियन डॉलर मूल्य का कपास और 90 करोड़ डॉलर मूल्य का गेहूं आयात करना पड़ सकता है. इसके साथ ही उसे एक बिलियन डॉलर मूल्य का वस्त्र निर्यात भी गंवाना पड़ सकता है. इस तरह कुल नुकसान करीब 4.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच सकता है.
कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान
पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान कपास की फसल को पहुंचा है. पिछले वित्त वर्ष में कपास की 80 लाख गांठों का उत्पादन हुआ था लेकिन इस साल सिंध में भारी बारिश से इसकी फसल को खासा नुकसान हुआ है. फसलों के अलावा बारिश और बाढ़ में करीब पांच लाख मवेशियों की भी मौत हो गई है. इससे ग्रामीण आबादी पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और दूध की आपूर्ति भी बाधित होने का अंदेशा है.