'कंगाल' होते पाकिस्‍तान से अच्‍छे दिन दूर होते जा रहे हैं. आतंकवाद भड़काने के आरोप पर अमेरिका (US) के 1.3 अरब डॉलर की रक्षा मदद कम करने के बाद उसे वर्ल्‍ड बैंक (World Bank) से भी मदद मिलने में देर हो रही है. वर्ल्‍ड बैंक पाकिस्‍तान को मदद देने को तैयार है लेकिन उसमें भी एक शर्त है. बैंक पाकिस्‍तान को रकम तभी रिलीज करेगा, जब उसका कोई नुमाइंदा इस्‍लामाबाद जाकर पूरी तस्‍दीक करेगा.

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प्रधानमंत्री इमरान खान बीते दिनों अमेरिका गए थे. वहां उन्‍होंने वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष डेविड मलपास को पाकिस्‍तान आने को कहा था. इस पर वर्ल्‍ड बैंक की एक टीम इमरान से मिली थी. टीम ने इमरान खान को साफ कर दिया था कि जब तब मलपास पाकिस्‍तान जाकर यह तस्‍दीक नहीं कर लेंगे कि रकम कहां लगाई जाएगी, तब तक इस्‍लामिक देश को इंतजार करना होगा.

नवंबर में लगेगा वर्ल्‍ड बैंक का चक्‍कर

मलपास के नवंबर में पाकिस्‍तान जाने का प्रोग्राम बना है. वह वहां ढांचागत सुधारों और विकास एजेंडा के लिए बढ़ी वित्तीय सहायता को अंतिम रूप देने के लिए नवंबर के पहले सप्ताह में जाएंगे. हाल में पाकिस्तान में वर्ल्‍ड बैंक के कंट्री डायरेक्‍टर पटचामुथु इलंगोवन और उनकी टीम ने इमरान और FM अब्दुल हफीज शेख से मुलाकात की. 

अमेरिका ने मदद रोकी

उधर, अमेरिका का कहना है कि मदद में 1.3 अरब डॉलर की कटौती करने से पाकिस्‍तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जबकि पाकिस्‍तान ने मदद घटाने पर तीखी आपत्ति की थी. राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान को दिया जाने वाला 1.3 अरब डॉलर तब तक रोक दिया जाएगा जब तक इस्लामाबाद सभी कथित आतंकवादियों को अपनी धरती से खत्म नहीं कर देता.