FATF Grey List: आखिरकार 4 साल बाद एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर हो गया पाकिस्तान, भारत ने जताया विरोध
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने आखिरकार चार सालों बाद पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है. पाकिस्तान साल 2018 से FATF की ग्रे लिस्ट में था.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से आखिरकार पाकिस्तान चार साल बाद बाहर आ गया. इसको लेकर शुक्रवार को एक बयान जारी किया गया है. दरअसल आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर नजर रखने वाली पेरिस की संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की पेरिस में एक बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने या न रखने को लेकर अंतिम फैसला हुआ. इस बैठक के बाद पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर होने का ऐलान किया गया. FATF के इस फैसले पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है और इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है.
2018 से ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
इसको लेकर एफएटीएफ ने अपने बयान में कहा है कि पाक 2018 से ग्रे लिस्ट में है. कार्रवाई की एक सूची थी, जिसे उसे करना था और पाकिस्तान ने उस पर अमल किया है. हम संतुष्ट हैं. FATF निरीक्षण दल पाकिस्तान गया था. वहां जाकर हालात पर नजर रखी गई और इसके बाद सत्यापन भी किया गया. पाकिस्तान ने धन शोधन के खिलाफ प्रयासों को मजबूत किया है, वह आतंकवाद को मिल रहे वित्त पोषण से लड़ रहा है, तकनीकी खामियों को दूर किया गया है.
भारत की प्रतिक्रिया
इस मामले में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि एफएटीएफ की जांच के परिणामस्वरूप पाकिस्तान को 26/11 को मुंबई में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ हमलों में शामिल लोगों सहित कुख्यात आतंकवादियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा. दुनिया का रुख स्पष्ट है कि पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से होने वाले आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और निरंतर कार्रवाई जारी रखनी चाहिए. ये वैश्विक हित में है.
Our response to media queries on Pakistan and the FATF "Grey List"https://t.co/JDQQMeCMi2 pic.twitter.com/TxgCAQiRMJ
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 21, 2022
ग्रे लिस्ट में आने के बाद बढ़ गई थीं पाक की मुश्किलें
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बता दें कि एफएटीएफ ने पाक को जब ग्रे लिस्ट में डाला था, तब उस पर मनी लांड्रिंग और टेररिस्ट्स को फाइनेंशियल हेल्प पहुंचाने के आरोप लगे थे. उस समय एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद को होने वाली गलत फंडिंग, अनियमितता, जांच में कमी, गैर सरकारी संस्थानों में मनी लाड्रिंग को विश्व के वित्तीय सिस्टम के लिए बड़ा खतरा माना था और पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा था. बाद में इन बिंदुओं को बढ़ाकर 40 तक कर दिया गया था. ग्रे लिस्ट में होने के चलते पाकिस्तान की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ी हुई थीं. वह न तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पैसे ले पा रहा था और न ही वर्ल्ड बैंक से.
क्या है FATF
FATF एक ऐसी संस्था है जिसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है. इसकी स्थापना फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में की गई थी.
08:51 AM IST