पाकिस्तान में एक दिन में 22 रुपए महंगा हुआ पेट्रोल, IMF की शर्तों ने बढ़ाई मुश्किलें, आगे और भी बुरे दिन
Pakistan Economy: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत रोजाना बद से बदतर हो रही है. पेट्रोल की कीमत एक दिन में 22 रुपए तक बढ़ गई है. देश के लिए आईएमएफ से मिलने वाला लोन भी काफी नहीं है.
Pakistani Economy: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है. महंगाई रोज नया रिकॉर्ड बना रही है. दूध, सब्जियों जैसे रोजमर्रा की जरूरत के सामान की कीमत आसमान छू रही है. पाक की सारी उम्मीदें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले लोन पर टिकी हुई है. हालांकि, इसके एवज में आईएमएफ ने काफी सख्त शर्तें रखी है. इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है. पाकिस्तान में एक दिन में ही पेट्रोल के दाम 22 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं. वहीं, आने वाले दिनों में मुश्किलें और भी बढ़ने वाली है.
पेट्रोल की कीमत 272 रुपए प्रति लीटर
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाक वित्त मंत्रालय के हवाले से बताया कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम की वजह डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया कमजोर होना है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने केरोसीन तेल के दाम भी 12.90 रुपए प्रति लीटर और लाइट डीजल ऑयल के दाम भी 9.68 प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं. इस बढ़ोतरी के बाद पाकिस्तान में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 272 रुपए तक पहुंच गई है. वहीं, देश में सीएनजी की किल्लत हो रही है. बाजार में सीएनजी नहीं मिल रही है.
वित्त मंत्री ने पेश किया मिनी बजट
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने देश की संसद नेशनल असेंबली में फाइनेंस (स्पलीमेंट्री) बिल 2023 पेश किया है. इसे मिनी बजट भी कहा जा रहा है. सरकार इसके जरिए अतिरिक्त 170 अरब पाकिस्तानी रुपए का रेवेन्यू हासिल करना चाहती है. इसमें कई उत्पादों में जीएसटी की दर 17 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है. लग्जरी आइटम्स में जीएसटी की दर बढ़ाकर 25 फीसदी तक करने का प्रस्ताव है. परफ्यूम, लैपटॉप, एलईडी टीवी, एलसीडी टीवी, स्मार्टफोन, आईपैड जैसी चीजों पर बिक्री कर 18 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव है. इस बजट का उद्देश्य आईएमएफ का बेलआउट पैकेज हासिल करना है.
33 फीसदी तक पहुंच सकती है महंगाई दर
फरवरी में पाकिस्तान में महंगाई दर 24.5 फीसदी तक पहुंच गई है. रॉयटर्स से बातचीत में मूडी एनालिटिक्स की सीनियर इकोनॉमिस्ट कैटरीना एल के मुताबिक पहली छमाई यानी जून तक महंगाई दर 33 फीसदी के स्तर तक पहुंच सकती है. कैटरीना एल के मुताबिक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था केवल आईएमएफ के राहत पैकेज के सहारे है लेकिन, केवल राहत पैकेज ही काफी नहीं है. पाकिस्तान को एक मजबूत आर्थिक मैनेजमेंट की जरूरत है.
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आपको बता दें कि आईएमएफ की टीम 31 जनवरी से 10 फरवरी तक पाकिस्तान में थी. 10 दिन तक चली लंबी बातचीत बेनतीजा रही और कोई एग्रीमेंट साइन नहीं हुआ.