पाकिस्तान की इकोनॉमी सबसे खराब दौर से गुजर रही है. पाकिस्‍तान रुपये में जुलाई और अगस्‍त में तेज गिरावट दर्ज की गई है. 20 सितंबर को 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्‍तानी रुपया 156.15 के स्‍तर पर आ गया है. एक्‍सपर्ट ने PM इमरान खान को आगाह किया है कि इकोनॉमी के रिवाइवल के लिए अगर उन्‍होंने तुरंत कुछ नहीं किया तो पाकिस्‍तान की इकोनॉमी के लिए गंभीर खतरा खड़ा हो जाएगा.

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डॉलर के मुकाबले एक तिहाई कमजोर हुआ रुपया

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की शनिवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) द्वारा 10 दिनों की देरी के बाद शुक्रवार को जारी आंकड़े बताते हैं कि अगस्त में पाकिस्तान का निर्यात पिछले महीने के मुकाबले तो घटा ही है, पिछले साल के मुकाबले भी इसमें कमी आई है जबकि पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले एक तिहाई कमजोर हुआ है.

निर्यात में कुछ बढ़ोतरी

जुलाई और अगस्त के दौरान निर्यात 10.2 करोड़ डॉलर यानी 2.8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 3.75 अरब डॉलर हो गया, जिसके बाद मौद्रिक नीति की समीक्षा की गंभीर जरूरत समझी जा रही है.

ट्रेड डेफिसिट में कमी

पीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, कुल ट्रेड डेफिसिट पिछले साल इस दर‍म्‍यान 6.1 अरब डॉलर था जो इस वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीने में सिकुड़कर 3.9 अरब डॉलर रह गया. सही मायने में व्यापार घाटे में 2.2 अरब डॉलर की कमी आई जिसका मुख्य कारण आयात में कमी है.

आयात कम होने से कुछ सहारा

पाकिस्तान का आयात 21.4 फीसदी घटकर 7.7 अरब डॉलर रह गया, लेकिन व्यापार घाटे में कमी की मुख्य वजह पेट्रोलियम, परिवहन, कपड़ा व खाद्य समूहों के आयात में कमी रही है.