Pakistan economic crisis: पाकिस्तान में अगस्त माह में मुद्रास्फीति (महंगाई) के रिकॉर्ड 27.3 प्रतिशत पर पहुंचने और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उबाल से देश में ‘सामाजिक विरोध और अस्थिरता’ की स्थिति पैदा हो सकती है.वहां श्रीलंका जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने यह चेतावनी दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान (Pakistan) में मुद्रास्फीति को आंकने वाला उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अगस्त में 27.3 प्रतिशत पर पहुंच गया. 1975 के बाद महंगाई दर पहली बार इतनी ऊंचाई पर पहुंची है.

खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमत बेहद ज्यादा

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खबर के मुताबिक, नकदी संकट से जूझ रहे देश में यह स्थिति तब है, जब खाद्य पदार्थों और दूसरी वस्तुओं की कीमतों पर भीषण बाढ़ के प्रभाव का अभी आकलन किया जाना बाकी है. आईएमएफ ने सातवीं और आठवीं समीक्षाओं के सारांश में कहा कि खाद्य वस्तुओं और ईंधन की ऊंची कीमतें  (pakistan inflation rate) सामाजिक विरोध और अस्थिरता (Pakistan economic crisis) को भड़का सकती हैं. 

एक सप्ताह में हुए ये डेवलपमेंट

आईएमएफ (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने इस सप्ताह की शुरुआत में पाकिस्तान के छह अरब डॉलर के रुके हुए कार्यक्रम की सातवीं और आठवीं समीक्षा को मंजूरी दी थी. इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) को बुधवार को नकदी संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए 1.16 अरब डॉलर की जमा मिली थी. विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) के तहत जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर घरेलू और बाहरी वातावरण को देखते हुए परिदृश्य और कार्यक्रम कियान्वयन को लेकर जोखिम ऊंचा बना हुआ है.

सामाजिक-राजनीतिक दबाव भी ऊंचा रहने की आशंका

रिपोर्ट के मुताबिक,विरोध-प्रदर्शन के जोखिम के अलावा सामाजिक-राजनीतिक दबाव भी ऊंचा रहने की आशंका है. इसका नीति और सुधार कार्यान्वयन पर भी असर पड़ सकता है. गौरतलब है कि पाकिस्तान (Pakistan economic crisis) में राजनीतिक स्थिति अप्रैल के मध्य से नाजुक बनी हुई है. तब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक नाटकीय अविश्वास प्रस्ताव में हटा दिया गया था. इसके बाद से विपक्षी नेता शहबाज शरीफ गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.