संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों की वजह से विदेश निधि के लिए उत्तर कोरिया ने कॉसमॉस बैंक से 1.35 करोड़ डॉलर की साइबर डकैती को अंजाम दिया है. ऐसा 28 देशों के नेटवर्क का इस्तेमाल कर किया गया है. विश्व संस्था ने यह जानकारी दी. उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों की सुरक्षा परिषद की समिति ने कहा कि बीते साल अगस्त में उत्तर कोरिया के 'एक उन्नत खतरनाक समूह' ने साइबर हमले को अंजाम दिया.

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रिपोर्ट में कहा गया, "अगस्त 2018 में भारत के कॉसमॉस बैंक से 1.35 करोड़ डॉलर, 14,000 ऑटोमेटिक टेलर मशीन (एटीएम) से एक साथ 28 देशों से निकाले गए, इसके अलावा हांगकांग की एक कंपनी के खाते में अतिरिक्त ट्रांसफर किए गए." ह्यूग ग्रिफ्थ की अगुवाई वाले जानकारों की समिति ने इस रिपोर्ट को परिषद के अध्यक्ष फ्रास्वां डेल्ट्रे द्वारा इस महीने के शुरुआत में जारी की गई.

रिपोर्ट में कहा गया, "कॉसमॉस हमला बेहद उन्नत, सुनियोजित व अत्यधिक समन्वित अभियान था, जिसने इंटरनेशल क्रिमिनल पुलिस आर्गेनाइजेशन (इंटरपोल) बैंकिंग/एटीएम हमले की रक्षा में निहित तीन स्तरों को दरकिनार कर दिया."

उत्तर कोरिया की रणनीति को दर्शाते हुए इसमें कहा गया, "न सिर्फ एक्टर्स कॉसमॉस मामले में स्विफ्ट नेटवर्क से अन्य खातों से धन को स्थानांतरित करने में सक्षम थे, बल्कि उन्होंने लेन-देन सत्यापन प्रक्रियाओं को दरकिनार किया और दुनियाभर में स्थानांतरण के लिए आंतरिक बैंक प्रक्रियाओं से समझौता किया. इसके साथ ही दुनियाभर में 30 देशों में व्यक्तियों ने नकद में राशि निकाली."

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