छह साल की बेरेन के लिए फरिश्ते बनकर आए जूली और रोमियो, मलबे से सुरक्षित निकाला बाहर
तुर्किए और सीरिया के भूकंपग्रस्त इलाकों में NDRF की टीम राहत और बचाव कार्य कर रही है. बचाव कार्य के दौरान एनडीआरएफ के लैब्राडोर ने छह साल के बच्चों को बचाया.
तुर्किए और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से अभी तक 33 हजार लोगों की जान चली गई है. भारत की NDRF भूकंपग्रस्त इलाकों में लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. इसका नाम ऑपरेशन दोस्ती रखा गया है. एनडीआरएफ के जवानों ने मलबे में दबे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है, इसकी तारीफ गृहमंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं. अब एनडीआरएफ की टीम में शामिल लैब्राडोर जूली ने छः साल की बेरेन को नूरदागी में मलबे से बचाया है.
ANI को कांस्टेबल डॉग हैंडलर कुंदन कुमार ने कहा, 'हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है. इसके बाद हमने दूसरे कुत्ते रोमियो से भी चेक करवाया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचाया.' गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह ने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया था. इस वीडियो में तुर्किये में बचाव अभियान के दौरान एनडीआरएफ टीम-11 ने गाजियांटेप शहर में एक छह वर्षीय लड़की बेरेन की जान बचाई थी. वीडियो के साथ गृहमंत्री ने लिखा था, 'हमें अपनी NDRF की टीम पर गर्व है.'
33 हजार लोगों की मौत
तुर्किए और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 33 हजार से अधिक हो गई है. वहीं, घायलों की संख्या 92 हजार से अधिक है. NDRF की टीम के काम को लोकल्स का भी समर्थन मिल रहा है. भारत के अलावा रूस, किर्गिस्तान और बेलारूस का बचाव दल तुर्किए में राहत और बचाव काम में जुटा है. रविवार को इस बचाव दल ने 160 घंटे से बिल्डिंग के मलबे में दबे शख्स को सुरक्षित बाहर निकाला है. वहीं, भूकंपग्रस्त इलाके से लूटपाट की घटना भी सामने आ रही है. तुर्किए के राष्ट्रपति अर्दोगान ने कहा कि सरकार ऐसी वारदातों से सख्ती से निपट रही है.
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तुर्किए में आए इस भूकंप की तीव्रता 7.8 है. ये साल 1939 के बाद से आया सबसे तीव्र भूकंप है. भूकंप से पीड़ित 80 हजार लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं, 10 लाख से ज्यादा लोग अस्थाई आश्रय में रह रहे हैं.