चीन ने एकबार फिर इंजीनियरिंग का नायाब नमूना पेश किया है. यहां समुद्र पर दुनिया का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है और मंगलवार से इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. हॉन्गकॉन्ग-झुहाई-मकाऊ ब्रिज नाम के इस समुद्री पुल की लंबाई 55 किलोमीटर है. यह समुद्र के ऊपर बनने वाला दुनिया का सबसे लंबा पुल है. यह नया पुल दक्षिण चीन सागर के पर्ल नदी डेल्टा के पूर्व और पश्चिम किनारों को जोड़ेगा.

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पुल में है खास

यह डुअल 3 लेन पुल में कुल 4,00,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. यह पुल रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है. इस पुल से हॉन्गकॉन्ग इंटरनेशनल एयरपोर्ट से झुहाई के बीच की 4 घंटे की दूरी को घटाकर 45 मिनट कर देगा. पुल के कुल बनावट में 22.9 किलोमीटर तार पर टिका है, जबकि 6.7 किलोमीटर का समुद्र के अंदर सुरंग है और बाकी हिस्सा जमीन पर है. सुरंग की हिस्सा 44 मीटर की गहराई में है.

निर्माण का सफर

इस पुल के निर्माण का प्रोजेक्ट वर्ष 2003 में बना और इस पर काम 15 दिसंबर 2009 से शुरू हुआ. हालांकि इस पुल के उद्घाटन के लिए पहले वर्ष 2016 का लक्ष्य रखा गया था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस पुल के निर्माण की लागत 120 अरब यूआन यानी 17.3 अरब डॉलर का खर्च आया है. निर्माण कार्य शुरू करने से पहले इस पर प्रतिदिन 33,000 वाहनों के गुजरने का अनुमान था, लेकिन वर्ष 2006 में इस अनुमान को घटाकर 29,000 वाहन प्रतिदिन किया गया. 

 

24 घंटे चलेंगे शटल बस

पुल को आम लोगों के लिए खोल देने के बाद उपर्युक्त तीनों शहर में 24 घंटे शटल बस सेवा शुरू होगी जो व्यस्त समय में हर 5 मिनट में उपलब्ध होगी, सामान्य समय में 10-15 मिनट और रात में हर 15 मिनट से 30 मिनट के बीच बस मिला करेगी. इससे तीनों शहरों के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है. बताया जा रहा है कि इस पुल के बाद कारोबार में भी काफी आसानी होगी.