आज के समय में जंक फूड का कल्‍चर तेजी से बढ़ रहा है. लोग बड़े शौक से जंक फूड खाते हैं. लेकिन क्‍या आपने कभी किसी को जंक फूड (Junk Food) खाने पर जंक फूड टैक्‍स (Junk Food Tax) देने की बात करते हुए सुना है ? पढ़कर ही हैरानी हुई होगी, लेकिन ये सच है. यूरोपियन देश हंगरी (Hungary) में रहने वालों को जंक फूड खाने पर जंक फूड टैक्‍स भरना पड़ता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हंगरी में जंक फूड पर करीब 4 फीसदी का टैक्स लिया जाता है. जंक फूड पर टैक्‍स वसूली करने का उद्देश्‍य लोगों को जंक फूड खाने से रोकना है, ताकि वो इसके नुकसान से बच सकें. कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, बर्गर, चाऊमीन, पिज्‍जा आदि खाने पर जब लोगों को ज्‍यादा पैसे देने होंगे, तो वे इसे खाने से परहेज करेंगे. 

भारत के इस राज्‍य में भी लग चुका है टैक्‍स

हंगरी ही नहीं, भारत के केरल राज्‍य में भी जंक फूड टैक्‍स के रूप में फैट टैक्‍स लगाया जा चुका है. लोगों में मोटापे की समस्‍या को कंट्रोल करने के लिए साल 2016 में केरल सरकार की ओर से रेस्‍त्रां में बर्गर, पिज्जा और पास्ता जैसी चीजों पर 14.5 पर्सेंट का फैट टैक्‍स लगाया था. भारत में फैट टैक्‍स लगाने वाला केरल पहला राज्‍य था. उस दौरान इस टैक्‍स का काफी विरोध भी हुआ था.

हंगरी से जुड़ी अन्‍य रोचक बातें

  • हंगरी में 20 अलग-अलग तरह की वाइन का उत्‍पादन होता है, जिसका निर्यात दुनियाभर के तमाम हिस्‍सों में की जाती है. इस कारण से हंगरी को Wine Country के नाम से भी जाना जाता है. 
  • हंगरी की एक और अजीबोगरीब प्रथा है कि यहां लोग खुद से अपने बच्‍चे का नाम नहीं रखते. नाम के लिए सरकार की ओर से एक लिस्‍ट जारी की जाती है. उसी लिस्‍ट में से बच्‍चे का नाम रखा जाता है.
  • हंगरी में रहने वाले ज्‍यादातर लोग एक दूसरे को नाम से बुलाने की बजाय, उन्‍हें उनके सरनेम से बुलाते हैं.
  • हंगरी का संसद भवन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी संसदीय इमारत है. हंगरी को पढ़े लिखे लोगों का देश कहा जाता है. यहां की साक्षरता दर 99 % है.