Iran Oil Import: ईरान ने भारत को तेल और गैस के निर्यात करने का ऑफर पेश किया है. इसके लिए ईरान ने रुपया-रियाल सिस्टम को फिर से शुरू करने की भी बात कही है.

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भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी (Ali Chegeni) ने कहा कि ईरान ने तेल और गैस के निर्यात के लिए रुपया-रियाल व्यापार को फिर से शुरू करके भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करने की पेशकश की है.

दोनों देशों के बीच 30 अरब डॉलर हो सकता है व्यापार

चेगेनी ने कहा कि अगर दोनों देश रुपया-रियाल को फिर से शुरू करते है, तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. 

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ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर हुआ करता था, लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के साथ परमाणु समझौते से हटने और उसके तेल निर्यात पर फिर से प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने ईरान से तेल आयात को रोक दिया था.

चेगेनी ने कहा कि रुपया-रियाल ट्रेड मैकेनिज्म से दोनों देशों की कंपनियों को एक दूसरे के साथ सीधा सौदा करने और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की लागत से बचने में मदद कर सकता है.

क्या था सिस्टम

बता दें कि भारत और ईरान के बीच व्यापार के लिए एक बार्टर सिस्टम जैसा मैकेनिज्म था, जिसमें भारतीय तेल रिफाइनरी स्थानीय ईरानी बैंक को रुपये में भुगतान कर रहे थे और इस पैसे का उपयोग ईरान द्वारा भारत से वस्तुओं के आयात के लिए किया जाता था.

इससे ईरान भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा सोर्स मार्केट बनने की ओर आगे बढ़ाया और भारत के सबसे बड़े सप्लायर्स सऊदी अरब को पीछे कर दिया.

अमेरिकी प्रतिबंधों ने रोका बिजनेस

हालांकि, अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों को लगाने के बाद भारत-ईरान के बीच का व्यापार वित्त वर्ष 19 में 17 बिलियन डॉलर से अप्रैल-जनवरी के बीच गिरकर 2 बिलियन डॉलर ही रह गया.

गैस पाइपलाइन के लिए भी इच्छुक है ईरान

इसके साथ ही ईरान में प्राकृतिक गैस के ट्रांसपोर्टेशन के लिए रुकी हुई ईरान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने और वैकल्पिक मार्ग को खोजने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करने को भी इच्छुक है.