Infertility in India: दुनिया में हर 6 में से 1 इंसान ऐसा है, जिस पर इनफर्टिलिटी यानी कि निसंतान का खतरा बना हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की लेटेस्टर रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. WHO की लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि हर 6 में से 1 इंसान ऐसा है, जिस पर इनफर्टिलिटी का खतरा मंडरा रहा है. रिपोर्ट में आगे बताया गया कि दुनिया की 17.5 फीसदी जनसंख्या इनफर्टिलिटी का शिकार है. इतना ही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमीर और गरीब दोनों ही देशों में बने इस खतरे को लेकर अपने ताजा आंकड़ें जारी किए हैं. रिपोर्ट में संगठन ने आगे बताया गया है कि अमीर देशों में 17.8% तो गरीब देशो में 16.5% लोग जीवन भर इनफर्टिलिटी के शिकार रहते हैं. 

WHO ने जारी किए चौंकाने वाले तथ्य

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में ये भी बताया कि 12.6 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो कुछ समय के लिए इनफर्टिलिटी यानी कि निसंतान की समस्या से जूझते हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की परिभाषा के मुताबिक एक साल तक बिना गर्भनिरोधक के गर्भावस्था की कोशिश के बाद भी अगर सफलता ना मिले तो इंसान को इनफर्टिलिटी की बीमारी का शिकार माना जाता है.

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1990-2021 के बीच की गई स्टडी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये स्टडी 1990 से लेकर 2021 के बीच की है और इस बीच कुल 133 स्टडी की गई हैं, जिसके आधार पर ये आंकड़ें प्रकाशित किए गए हैं. इनमें से 66 स्टडी ऐसी हैं, जो पति और पत्नी पर की गई थी. इसके अलावा 53 स्टडी में वो लोग भी शामिल थे जो शादी शुदा नहीं थे लेकिन पार्टनर्स थे.

वहीं 11 स्टडी ऐसी भी हैं जिसमें वैवाहिक स्टेटस बताया नहीं गया है .नतीजों के मुताबिक महिलाओं में बांझपन की समस्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा देखी गई हालांकि स्टडी में शामिल कुल लोगों में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी. ज्यादातर स्टडी यूरोप से थी. स्टडी में यूरोपियन देशों की हिस्सेदारी तकरीबन 35% थी.  

साउथ एशिया को भी किया गया शामिल

इसके अलावा साउथ एशिया, जिसमें भारत भी आता है, यहां से कुल स्टडी का 9% हिस्सा शामिल किया गया था. बता दें कि भारत में निसंतान दम्पति इलाज के लिए अपनी पॉकेट से बाहर खर्च कर रहे हैं. एक आईवीएफ साइकिल की कीमत काफी ज्यादा है क्योंकि आमतौर पर ऐसे इलाज के लिए लोग प्राइवेट सेंटरों का ही रुख करते हैं.

भारत में आय से ज्यादा खर्च करता है इंसान

रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी अस्पतालों में आईवीएफ जैसे प्रोसीजर ना के बराबर होते हैं. WHO की स्टडी के मुताबिक भारत में बच्चा पैदा करने की ख्वाहिश को पूरा करने पर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है. भारत में एक ART साइकल पर एक व्यक्ति अपनी औसत वार्षिक आय के मुकाबले 166 गुना ज्यादा खर्च कर डालता है. 

IVF पर अनुमानित कितना खर्च

दुनिया भर में संतान चाहने के इलाज पर होने वाले खर्च का आंकलन ये है कि कहीं USD 2109 यानी भारतीय रुपए में 1 लाख 73 हज़ार खर्च आता है तो कहीं 15.30 लाख रुपए का. भारत में होने वाला खर्च सबसे ज्यादा है. भारत में एक ART साइकिल पर 18592 डॉलर यानी तकरीबन 15.30 लाख रुपए का खर्च आता है.