भारतीय नौसेना ने एक समुद्री ऑपरेशन में नौ लोगों की जान बचाई है. नौसेना ने बुधवार रात बताया कि  'प्रेस्टिज फाल्कन' नाम का व्यावसायिक जहाज 15 जुलाई को ओमान के दक्षिण-पूर्व में लगभग 25 समुद्री मील की दूरी पर पलट गया था. इस जहाज में सवार करीब 16 चालक दल के सदस्य लापता हो गए थे, जिनमें 13 भारतीय और 3 श्रीलंकाई थे. भारतीय नौसेना के मिशन में तैनात युद्धपोत INS तेग ने पलटे हुए तेल टैंकर एमवी प्रेस्टीज फाल्कन के लिए खोज व बचाव सहायता प्रदान करते हुए  09 चालक सदस्यों को बचा लिया है. इसमें 8 भारतीय और 1 श्रीलंकाई कर्मी शामिल हैं.

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बता दें कि ये टैंकर सोमवार को देर रात ओमान के रास मदरका से लगभग 25 समुद्री मील दक्षिण-पूर्व में पलट गया था. इसके बाद ओमान अधिकारियों ने खोजबीन शुरू कर दी. मंगलवार देर रात से बचाव कार्य जारी है. कोई सुराग हाथ न लगने के बाद भारतीय नेवी ने भी टैंकर की खोज के लिए अपना जहाज भेजा. फिलहाल भारतीय और ओमानी संपत्तियों द्वारा खोज और बचावकार्य चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में किया जा रहा है क्योंकि क्षेत्र में समुद्र उथल-पुथल मची है और तेज़ हवाएं चल रही हैं. भारतीय नौसेना का लंबी दूरी का समुद्री टोही विमान P8I भी जीवित बचे लोगों की तलाश में सहायता कर रहा है.

दूसरी तरफ भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने बुधवार को एक समन्वित अभियान के दौरान भारी बारिश और चुनौतीपूर्ण मौसम के बीच भारतीय मछुआरों की एक नाव और उसमें सवार लोगों को बचाया. तटरक्षक बल ने केरल के कोच्चि से लगभग 80 समुद्री मील दूर फंसे हुए भारतीय मछुआरों की नाव आशनी का सफलतापूर्वक बचाव किया. नाव में 11 लोग सवार थे. यह नाव कील के पास पतवार के टूटने के कारण पानी भर जाने और प्रोपल्शन नहीं हो पाने के कारण जोखिम में थी.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, समुद्री निगरानी पर लगे तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान ने रात के अंधेरे में ही संकटग्रस्त भारतीय मछुआरों की नाव का पता लगा लिया. गश्त कर रहे आईसीजी के जहाज सक्षम को नाव की सहायता के लिए तुरंत मोड़ दिया गया. एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ एक और आईसीजी जहाज अभिनव को तैनात किया गया. आईसीजी की एक तकनीकी टीम संकटग्रस्त नाव तक पहुंची, नाव में पानी भरने से रोकने का प्रयास किया और आवश्यक सहायता प्रदान की. अभियान में सभी मछुआरों और नौका को बचा लिया गया. इसके बाद नाव को मत्स्य विभाग को सौंप दिया गया.