भारत अपनी 2,000 वस्तुओं पर रियायती आयात शुल्क का लाभ खत्म करने के अमेरिका के निर्णय से निपटने के लिये इसे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चुनौती देने समेत विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है. इन भारत से जाने वाली इन वस्तुओं को अमेरिका में 0-6 प्रतिशत के बीच के रियायती शुल्क पर प्रवेश मिला हुआ था. 

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सूत्रों ने कहा कि सरकार अमेरिका के निर्णय से प्रभावित क्षेत्रों को वित्तीय समर्थन देने तथा अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लगाने के विकल्प भी अपना सकती है.

उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने मंगलवार को विकासशील देशों की मदद के लिए व्यावपार में वरीयता देने की सामान्य व्यवस्था (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत भारत को रियायती आयात शुल्क का लाभ वापस लेने का फैसला किया है. 

इस निर्णय से देश 5.6 अरब डालर का निर्यात प्रभावित हो सकता है. लाभ हटाने का मतलब है के अमेरिका इन 2,000 उत्पादों पर ऊूचा ऊशुल्क लगाएगा जिससे कीमत के संदर्भ में ये अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं रह जाएंगे.

हालांकि एक अन्य सूत्र ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में प्रक्रिया लंबी चल सकती है और बेहतर विकल्प यह है कि इस मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय बातचीत से किया जाए क्योंकि अमेरिका के साथ व्यापार में भारत का निर्यात आयात से अधिक है.

भारत का डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान निकाय में जाना इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या अमेरिका, भारत को अलग कर विकासशील देशों के बीच उसके साथ भेदभाव तो नहीं कर रहा.